Madhya Pradesh: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मध्य प्रदेश में घरेलू हिंसा की शिकायत करने वाली महिला की मौत पर संज्ञान लिया है. दरअसल, महिला ने पहले अपने पति द्वारा घरेलू हिंसा की शिकायत की थी और बाद में मृत पाई गई थी. एनसीडब्ल्यू के बयान के अनुसार पति के जमानत पर बाहर होने के बाद पति-पत्नी फिर से साथ रहने लगे थे.
एनसीडब्ल्यू ने डीजीपी को लिखा पत्र
एनसीडब्ल्यू (National Commission for Women) ने अब मध्य प्रदेश के डीजीपी (DGP) को पत्र लिखकर इस मामले में जांच अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है, जो कथित तौर पर घरेलू हिंसा मामले में पीड़िता की रीढ़ की हड्डी की चोट की मेडिकल रिपोर्ट दाखिल करने से चूक गए थे और परिणामस्वरूप पति को जमानत दे दी गई थी.
घरेलू हिंसा के मामले को सामने आई ये रिपोर्ट
बता दें कि हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू हिंसा (Domestic Violence) के मामले में यूपी पहले स्थान पर पहुंच गया है. केंद्र ने अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उत्तर प्रदेश में अब तक घरेलू हिंसा के 65,481 मामले दर्ज किए गए. वहीं, दिल्ली में घरेलू हिंसा के 3,564 मामले सामने आए. हलफनामे के अनुसार घरेलू हिंसा के 38 हजार 381 मामलों के साथ राजस्थान दूसरे और 37 हजार 876 मामलों के साथ आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर है. जबकि, महाराष्ट्र में 16 हजार 168, मध्य प्रदेश में 16 हजार 384, केरल में 20 हजार 826, असम में 12 हजार 739, कर्नाटक में 11 हजार 407 और पश्चिम बंगाल में 9 हजार 858 घरेलू हिंसा के मामले दर्ज हुए.
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