Landslide in Chamoli: उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा क्षेत्र में हुए भूस्खलन में फंसे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 55 मजदूरों में से 47 को सुरक्षित निकाल लिया गया है. इन सभी को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों के अनुसार, इनमें से तीन मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है और वे गहन चिकित्सा निगरानी में हैं. राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के लिए सेना और आईटीबीपी की मदद ली जा रही है, ताकि बर्फ में फंसे मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जा सके.
सेना और हेलीकॉप्टर की मदद से बचाव अभियान
माणा में हुए इस भूस्खलन के कारण सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया है, जिससे बचाव कार्यों में बाधा आ रही है. हालात की गंभीरता को देखते हुए सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की टीमों को तैनात किया गया है. साथ ही, भारतीय सेना के हेलीकॉप्टरों की मदद भी ली जा रही है ताकि फंसे हुए लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके. बदरीनाथ के लिए सड़क बंद होने के कारण प्रशासन ने वैकल्पिक उपायों पर काम शुरू कर दिया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ली जानकारी, घायलों को एयरलिफ्ट करने के निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भूस्खलन की जानकारी मिलने के बाद तुरंत राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने फोन के माध्यम से अधिकारियों से पूरी स्थिति का जायजा लिया और गंभीर रूप से घायल मजदूरों को उच्च चिकित्सा केंद्रों में एयरलिफ्ट करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जैसे ही मौसम में सुधार होगा, राहत और बचाव कार्यों को और तेज किया जाएगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रभु बदरीनाथ की कृपा और बचाव दल के अथक प्रयासों से सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाला जाएगा. साथ ही, उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह जल्द ही स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण करने चमोली जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री धामी से चर्चा की और राहत कार्यों की जानकारी प्राप्त की.
एसडीआरएफ की टीम रास्ते में फंसी, प्रशासन संपर्क में
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीम को जोशीमठ से रवाना किया गया था, लेकिन भारी बर्फबारी और अवरुद्ध मार्ग के कारण वे बीच रास्ते में फंस गई हैं. एसडीआरएफ के पुलिस महानिरीक्षक रिधिम अग्रवाल ने जानकारी दी कि बचाव कार्यों के लिए देहरादून के सहस्रधारा हेलीपैड पर एक अन्य टीम को भी अलर्ट पर रखा गया है.
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भारी हिमपात के कारण बदरीनाथ जाने वाली सड़कें बर्फ से ढकी हुई हैं, जिससे बचाव दल को आगे बढ़ने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें लगातार सेना से संपर्क में हैं ताकि जल्द से जल्द मार्ग को साफ कर बचाव कार्य को सुचारू रूप से आगे बढ़ाया जा सके.
मुख्यमंत्री धामी माणा का दौरा कर सकते हैं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को बचाव अभियान की प्रगति का जायजा लेने के लिए माणा जा सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, वे पहले ही शुक्रवार को माणा जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन खराब मौसम के कारण यात्रा टालनी पड़ी. मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि शनिवार को मौसम थोड़ा साफ रहेगा, जिससे मुख्यमंत्री खुद घटनास्थल पर जाकर स्थिति का जायजा ले सकते हैं.
प्रदेश में बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी रहेगा
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिलों को छोड़कर अन्य सभी जिलों में हल्की बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है. हालांकि, शाम तक मौसम साफ होने की संभावना है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार:
2 मार्च को मौसम शुष्क रहेगा.
3 मार्च को हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना है.
4 मार्च को राज्य में हल्की बारिश हो सकती है.
राज्य प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा न करने की सलाह दी है.
उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा में हुए भूस्खलन के कारण 55 मजदूर फंस गए थे, जिनमें से 47 को सुरक्षित निकाल लिया गया है. सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और गंभीर रूप से घायल मजदूरों को एयरलिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं. खराब मौसम बचाव कार्य में बाधा डाल रहा है, लेकिन प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए.