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Friday, March 29, 2024

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‘कृषि कानून वापस लेने और एमएसपी का कानून बनाने तक उपवास रखेंगे यूपी के किसान, पीएम मोदी को भेजते रहेंगे संदेश’

Kisan Andolan : नई दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक गांव से पांच किसान सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक रोज उपवास रखेंगे. दोपहर तीन बजे किसान दो मिनट का वीडियो संदेश रिकॉर्ड करेंगे, जिसमें वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना परिचय देंगे और केन्द्र के नए कृषि कानूनों के प्रति अपनी चिंताएं साझा करेंगे. यह संदेश हमारी वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा.

  • राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह का ऐलान

  • रविवार को किया गया उत्तर प्रदेश किसान मजदूर मोर्चा का गठन

  • हर गांव का पांच किसान रोजाना आठ घंटे रखेगा उपवास

Kisan Andolan : राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह ने मंगलवार को कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग पूरी होने तक उत्तर प्रदेश के प्रत्येक गांव के पांच किसान रोजाना आठ घंटे का उपवास करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश भेजेंगे. गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद संगठन ने किसान आंदोलन से अपना समर्थन वापस ले लिया था. बाद में रविवार को इसने 21 अन्य किसान संगठनों के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश किसान मजदूर मोर्चा का गठन किया.

नई दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक गांव से पांच किसान सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक रोज उपवास रखेंगे. दोपहर तीन बजे किसान दो मिनट का वीडियो संदेश रिकॉर्ड करेंगे, जिसमें वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना परिचय देंगे और केन्द्र के नए कृषि कानूनों के प्रति अपनी चिंताएं साझा करेंगे. यह संदेश हमारी वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जब तक सभी गांव के सभी किसानों का उनकी गेहूं की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फैसला नहीं हो जाता, यह जारी रहेगा. सिंह ने कहा कि देश में ज्यादातर किसान लघु या सीमांत हैं और वे दिल्ली जाकर प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकते हैं. ऐसे में, वे अपने गांवों में रह कर खेतों, मवेशियों का देखभाल करते हुए प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं.

किसान नेता ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में 65,000 पंचायत हैं और अगर उनमें से 20,000 गांव भी आंदोलन का हिस्सा बनेंगे, तो प्रधानमंत्री के पास रोजाना एक लाख संदेश पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि एक महीने में इनकी संख्या 30,00,000 तक पहुंच जाएगी. वह भी ऐसे में जबकि हम सिर्फ 20,000 गांवों के बारे में बात कर रहे हैं. सोच कर देखें, अगर 50,000 गांव हमारे साथ आ गए तो क्या होगा. क्या प्रधानमंत्री मोदी फिर भी कहेंगे कि इन गांवों से आ रहे संदेश किसानों के नहीं हैं.

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Posted by : Vishwat Sen

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