Kisan Andolan Live Updates : राजधानी दिल्ली में जारी किसान आंदोलन पिछले 46 दिनों से लगातार जारी है. मोदी सरकार द्वारा लाये गये तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसानों के लिए आज का दिन अहम साबित हो सकता है. कृषि कानूनों से जुड़ी याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है. किसान आंदोलन से जुड़े दूसरे मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट में कल भी सुनवाई हुई थी. इस सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सरकार से कहा कि इस मामले पर फटकार लगायी थी और कहा था कि आप सही तरीके से इस आंदोलन को हैंडल नहीं कर पाए. किसान आंदोलन से जुड़ी हर खबर के लिए बने रहे prabhatkhabar.com के साथ...
किसानों ने कहा, सुप्रीम कोर्ट को वो सम्मान करते हैं, लेकिन जो आदेश दिया गया है, उससे हमारे आंदोलन को ठंडा करने का प्रयास किया जा रहा. सरकार की मंशा है कि वे ऐसा कर हमें बॉर्डर से हटा देंगे, लेकिन हम साफ कर देते हैं कि जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है, तब तक हम यहां से नहीं हिलेंगे. किसान नेताओं ने कहा, 26 जनवरी को ऐतिहासिक प्रदर्शन करेंगे. इसके अलावा 13 जनवरी को लोहड़ी में तीन कृषि कानूनों की प्रतियां भी जलाने की चेतावनी दे डाली.
चीफ जस्टिस ने कहा कि कानून पर हम एक समिति बना रहे हैं ताकि हमारे पास एक स्पष्ट तस्वीर हो. हम यह तर्क नहीं सुनना चाहते कि किसान समिति में नहीं जाएंगे। हम समस्या को हल करने के लिए देख रहे हैं. यदि आप (किसान) अनिश्चित काल के लिए आंदोलन करना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं.
नए कृषि कानून रद्द करने समेत किसान आंदोलन से जुड़े दूसरे मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है. सोमवार को हुआ सुनवाई में कोर्ट ने केन्द्र सरकार को जमकर फटकार लगायी. कोर्ट ने कहा था कि कहा कि जिस तरह से केन्द्र और किसानों के बीच बातचीत चल रही है, उससे वह बेहद निराश है.
वहीं किसान नेताओं ने सोमवार को कहा कि यदि सरकार अथवा उच्चतम न्यायालय तीन नए कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा देता है, तब भी वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे. किसान नेताओं ने अपनी निजी राय बताते हुए कहा कि रोक लगाना कोई समाधान नहीं है और वैसे भी यह तय वक्त के लिये होगी.