Kirana Hills: भारत के स्ट्राइक के बाद सोशल मीडिया पर कई दावे किए जा रहे हैं. एक दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के सरगोधा में न्यूक्लियर आर्म्स स्टोरेज फैसिलिटी पर हमला किया. सरगोधा में मुशफ एयरबेस को भारत के मिसाइल टारगेट में से एक के रूप में पुष्टि की गई थी, लेकिन एयर मार्शल ए.के. भारती ने सोमवार को किराना हिल्स में पास की परमाणु सुविधा पर किसी भी हमले की खबरों से इनकार किया. एयर मार्शल भारती ने कहा, “हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है. मैंने अपनी ब्रीफिंग में इसका उल्लेख नहीं किया था.”
धुआं किराना पहाड़ियों के पास आया नजर
सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो में किराना हिल्स की तलहटी से धुएं का घना गुबार उठता हुआ नजर आ रहा है. हाई-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी नहीं होने के कारण यह पुष्टि करना मुश्किल है कि किराना हिल्स में परमाणु संपत्ति, अगर कोई है, तो उस पर हमला हुआ था या नहीं. इंडिया टुडे ने इस संबंध में खबर प्रकाशित की है. इसमें बताया गया है कि ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम द्वारा की गई जियोलोकेशन से पता चलता है कि धुआं पहाड़ियों के पास है, जो कि स्ट्राइक के दिन पोस्ट की गई फुटेज पर आधारित है. बता दें कि एयर मार्शल भारती ने भी किराना हिल्स में परमाणु संपत्ति के अस्तित्व के बारे में जानकारी से इनकार किया है.
किराना हिल्स और आस-पास के इलाके क्यों हैं खास
द एटॉमिक साइंटिस्ट्स की 2023 की रिपोर्ट में किराना हिल्स और आस-पास के इलाकों को “सबक्रिटिकल न्यूक्लियर टेस्ट साइट” के रूप में पहचाना गया. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई न्यूक्लियर नोटबुक रिपोर्ट में इलाके का उल्लेख है. इसमें कहा गया कि यह जगह संभवतः हथियारों को रखने वाले गोदाम, मिसाइल लॉन्च करने वाले वाहन (TEL) की जगह और कम से कम 10 भूमिगत भंडारण सुविधाएं शामिल करता है.
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सोशल मीडिया फुटेज की भौगोलिक स्थिति से पता चलता है कि धुएं का सोर्स, रिपोर्ट में बताए गए मिसाइल परिवहन वाहन भंडारण से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर है. विश्लेषण किए गए वीडियो में विशिष्ट पहाड़ी संरचनाएं Google Earth पर इलाके से काफी हद तक मेल खाती हैं.

