32.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Kerala: केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन जेल से हुए रिहा, रिपोर्टिंग करते समय किया गया था गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश में आतंकवाद के आरोप में दो साल से अधिक समय पहले युवती के साथ कथित दुष्कर्म की रिपोर्टिंग करते हुए गिरफ्तार किया गया था, जिसकी मौत ने राष्ट्रव्यापी विरोध को जन्म दिया था. दो मामलों में जमानत मिलने के एक महीने से अधिक समय बाद लखनऊ की विशेष अदालत ने उनकी रिहाई के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे.

Kerala: केरल के एक पत्रकार सिद्दीक कप्पन को आज जेल से रिहा कर दिया गया है. बता दें कि इन्हें उत्तर प्रदेश में आतंकवाद के आरोप में दो साल से अधिक समय पहले एक युवती के साथ कथित दुष्कर्म की रिपोर्टिंग करते हुए गिरफ्तार किया गया था, जिसकी मौत ने राष्ट्रव्यापी विरोध को जन्म दिया था. उनके खिलाफ दो मामलों में जमानत मिलने के एक महीने से अधिक समय बाद लखनऊ की एक विशेष अदालत ने उनकी रिहाई के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे.

‘कठोर कानूनों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगा’

रिहाई के बाद उन्होंने कहा, “मैं कठोर कानूनों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगा. मुझे जमानत मिलने के बाद भी उन्होंने मुझे जेल में रखा. मुझे नहीं पता कि मेरे जेल में रहने से किसे फायदा हो रहा है. ये दो साल बहुत कठिन थे, लेकिन मैं कभी डरा नहीं.” कप्पन के कल शाम बाहर निकलने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया जा सका क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम पर विशेष अदालत के न्यायाधीश बार काउंसिल के चुनाव में व्यस्त थे.

पोर्ट करने के लिए जाते समय किया गया था गिरफ्तार

उन्हें अक्टूबर 2020 में उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित सामूहिक दुष्कर्म और अनुसूचित जाति समुदाय की 20 वर्षीय एक महिला की मौत की रिपोर्ट करने के लिए जाते समय गिरफ्तार किया गया था, जिसने देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. पुलिस ने कहा कि वह अशांति पैदा करने के लिए वहां जा रहा था. उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया और कठिन आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत आरोप लगाया गया. फरवरी 2022 में, प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ प्रतिबंधित पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया से धन प्राप्त करने का आरोप लगाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया.

पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को दे दी थी जमानत

पिछले साल सितंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को यह देखते हुए जमानत दे दी कि उनके खिलाफ कोई औपचारिक आरोप दायर नहीं किया गया था और राज्य पुलिस द्वारा बरामद “टूलकिट” नामक एक दस्तावेज ने केवल बलात्कार के मामले में न्याय की मांग का प्रचार किया. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें तीन महीने बाद जमानत मिल गई थी. लेकिन कई कारणों से उनकी रिहाई रोक दी गई थी. विपक्ष और नागरिक समाज समूहों ने कप्पन की गिरफ्तारी की निंदा की, यह हाथरस में हुई घटना पर नकारात्मक कवरेज से बचने के उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से प्रेरित था और भाजपा सरकार द्वारा मीडिया को दबाने की कोशिश का मामला था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें