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कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र लिखकर बताया- फ्लोर टेस्ट के मसले पर विधानसभा अध्यक्ष लेंगे फैसला

MP political crisis Kamal Nath wrote a letter : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर सूचित किया कि सदन में शक्ति परीक्षण कराने के संबंध में राजभवन से प्राप्त पत्र को उन्होंने निर्णय लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास भेज दिया है.

भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर सूचित किया कि सदन में शक्ति परीक्षण कराने के संबंध में राजभवन से प्राप्त पत्र को उन्होंने निर्णय लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास भेज दिया है. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को आगे लिखा है, ‘‘सभी तथ्यों के आलोक में मैंने आपके निर्देश को समुचित निर्णय हेतु विधानसभा अध्यक्ष को अग्रेषित कर दिया है. मैं इस पत्र की भी एक प्रति उन्हें अंकित (भेज) कर रहा हूं.”

राज्यपाल टंडन ने कल मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें 17 मार्च मंगलवार को सदन में विश्वास मत हासिल करने के निर्देश दिये थे. उन्होंने लिखा था कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो माना जायेगा कि उसके पास बहुमत नहीं है. कमलनाथ ने लिखा है, ‘‘आपने अपने पत्र में यह खेद जताया है कि आपने जो समयावधि दी थी उसमें विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने के बजाय मैंने आपको पत्र लिखकर शक्ति परीक्षण कराने में आनाकानी की. मैं आपके ध्यान में यह तथ्य लाना चाहूंगा कि पिछले 15 महीने में मैंने सदन में कई बार बहुमत सिद्ध किया है. अब यदि भाजपा यह आरोप लगा रही है कि मेरे पास बहुमत नहीं है तो वे अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से फ्लोर टेस्ट करा सकते हैं.

मेरी जानकारी में यह आया है कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया है जो विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लंबित है.” हालांकि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा ने इसबात से इनकार किया है कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं बार-बार अपने पत्रों के जरिये और व्यक्तिगत रुप से आपसे भेंट कर उस असाधारण स्थिति के बारे में अवगत करवाता रहा हूं, जब कांग्रेस के 16 विधायकों को भाजपा नेता अपने साथ चार्टर्ड विमान से कर्नाटक, बेंगलुरु ले गए और वहां स्थानीय पुलिस की मदद से उन्हें होटल/ रिसॉर्ट में बंदी जैसी स्थिति में रखा. वहां उनसे कोई मिल नहीं सकता. उन्हें भोपाल आने से भी रोका जा रहा है.”

कमलनाथ ने आगे कहा, ‘‘मैं पुन: आश्वस्त करना चाहता हूं कि मध्यप्रदेश के बंदी बनाए गए 16 कांग्रेसी विधायकों को स्वतंत्र होने दीजिए और पांच-सात दिन खुले वातावरण में बिना किसी डर-दबाव अथवा प्रभाव के उनके घर पर रहने दीजिए ताकि वे स्वतंत्र मन से अपना निर्णय ले सकें. आपका यह मानना कि दिनांक 17 मार्च 2020 तक मध्यप्रदेश विधानसभा में, मैं फ्लोर टेस्ट करवाऊं और अपना बहुमत सिद्ध करुं अन्यथा यह माना जाएगा कि मुझे वास्तव में विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है, पूर्णत: आधारहीन होने से असंवैधानिक होगा.”

उन्होंने लिखा है, ‘‘मुझे यह ज्ञात हुआ है कि भाजपा के नेतागणों ने न्यायालय में भी याचिका दायर की है.” मालूम हो कि इससे पहले भी राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को गत शनिवार को पत्र लिखकर सदन में 16 मार्च को राज्यपाल की अभिभाषण के बाद बहुमत साबित करने के निर्देश दिए थे. विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कोरोना वायरस के खतरे मद्देनजर केन्द्र सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए सोमवार को व्यापक जनहित में सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित दी थी.

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