Janta Curfew 5 Years: आज से ठीक पांच साल पहले आज के ही दिन भारत की सड़कों पर एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ था. यह दिन भारतीय इतिहास में एक अनोखा दिन साबित हुआ, जब देशभर में एक साथ, स्वेच्छा से जनता कर्फ्यू लागू किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देशवासियों ने कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए घरों में रहने का निर्णय लिया. इस कर्फ्यू के दौरान बाहर निकलने पर कोई पाबंदी नहीं थी, फिर भी लोग पूरी तरह से घरों में रहे, ताकि महामारी के खतरे से बचा जा सके.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस कर्फ्यू के माध्यम से लोगों को कोरोना के खतरे से आगाह किया और साथ ही यह संदेश दिया कि लोगों को एहतियाती कदम उठाकर इस महामारी से बचने की आवश्यकता है. हालांकि, बाद में यह स्पष्ट हुआ कि इस जनता कर्फ्यू का असल उद्देश्य लॉकडाउन की तैयारियों की ओर इशारा करना था, जो बाद में देशभर में लागू हुआ.
ताली और थाली बजाकर लोगों ने मनाया जनता कर्फ्यू
जनता कर्फ्यू के दौरान देश ने एक यादगार दृश्य देखा. शाम 5 बजे जैसे ही मोदी जी ने स्वास्थ्यकर्मियों के सम्मान में ताली और थाली बजाने का आह्वान किया. लोग अपने घरों की बालकनी और छतों पर आकर ताली और थाली बजाने लगे. यह एक भावुक और एकजुटता का प्रतीक बन गया जिसमें देश ने कोरोना से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति सम्मान और समर्थन प्रकट किया.
कब हुआ लॉकडाउन का ऐलान
जनता कर्फ्यू के बाद, 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की, जो 21 दिनों के लिए था. यह लॉकडाउन धीरे-धीरे बढ़ते हुए कुल 68 दिनों तक चला. पहले फेज में 21 दिनों का लॉकडाउन था फिर बाद में फेज-2, फेज-3, और फेज-4 के दौरान इसे बढ़ाया गया.
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