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स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया आदेश, आठ से 30 जनवरी तक ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों की होगी कोरोना जांच

ब्रिटेन से आठ जनवरी से 30 जनवरी के बीच आने वाले सभी यात्रियों को देश में आगमन पर स्वभुगतान के आधार पर कोविड-19 जांच करानी होगी. यह बात स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कही. एसओपी में कहा गया है कि साथ ही ब्रिटेन से आने वाले प्रत्येक यात्री को यात्रा से 72 घंटे पहले करायी गई अपनी कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी.

ब्रिटेन से आठ जनवरी से 30 जनवरी के बीच आने वाले सभी यात्रियों को देश में आगमन पर स्वभुगतान के आधार पर कोविड-19 जांच करानी होगी. यह बात स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कही. एसओपी में कहा गया है कि साथ ही ब्रिटेन से आने वाले प्रत्येक यात्री को यात्रा से 72 घंटे पहले करायी गई अपनी कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. भारत ने ब्रिटेन में सामने आये कोरोना वायरस के नये प्रकार के प्रसार को रोकने के लिए वहां से आने वाली सभी उड़ानों को 23 दिसम्बर से 31 दिसंबर तक निलंबित कर दिया था.

बाद में, इस रोक को सात जनवरी तक बढ़ा दिया गया था. उड्डयन मंत्री मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा था कि भारत और ब्रिटेन के बीच आठ जनवरी से उड़ान सेवाएं फिर से शुरू होने पर प्रति सप्ताह केवल 30 उड़ानें ही संचालित होंगी और यह व्यवस्था 23 जनवरी तक जारी रहेगी.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एसओपी में कहा गया है, ‘‘यात्रियों को उड़ान में सवार होने देने से पहले एयरलाइंस कंपनियां उनकी कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट की उपलब्धता सुनिश्चित करें.” इसमें कहा गया है, ‘‘हवाई अड्डे पर आरटी-पीसीआर जांच या उसकी रिपोर्ट के लिए इंतजार करने वाले यात्रियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए.”

एसओपी में कहा गया है, ‘‘संक्रमित पाये गए यात्रियों को संबंधित राज्य के स्वास्थ्य प्राधिकारियों द्वारा समन्वित एक संस्थागत पृथक केंद्र में एक अलग (पृथक) इकाई में पृथक किया जाएगा.” अगर जीनोम सीक्वेंसिंग से एसएआरएस-सीओवी-2 के नए प्रकार की मौजूदगी का पता चलता है, तो रोगी एक अलग पृथक इकाई में बना रहेगा. इसमें कहा गया है कि यह जांच यात्री के संक्रमित पाये जाने के 14 वें दिन की जाएगी और उसे तब तक पृथक इकाई में रखा जाएगा, जब तक कि उसके नमूने की जांच रिपोर्ट निगेटिव नहीं जा जाती.

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एसओपी में कहा गया है कि अगर कोई यात्री आगमन पर कोविड-19 से संक्रमित पाया जाता है तो यात्रियों की पंक्ति में बैठे यात्री, तीन पंक्ति आगे और तीन पंक्ति पीछे बैठे यात्रियों को अलग-अलग पृथक केंद्रों में संस्थागत पृथकवास में रखा जाएगा. इसमें कहा गया है कि हवाई अड्डे पर की गई जांच में कोविड-19 निगेटिव पाये जाने वाले यात्रियों को 14 दिनों के लिए घर पर पृथकवास की सलाह दी जाएगी और संबंधित राज्य या जिला प्रशासन को नियमित रूप से उनकी निगरानी करनी चाहिए.

इसमें कहा गया है कि संबंधित राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से एसओपी के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए संबंधित हवाई अड्डों पर हेल्प डेस्क स्थापित करने का अनुरोध किया गया है. डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर द्वारा ब्रिटेन में सामने आये वायरस के नए प्रकार का पता चलने की जानकारी दी जा चुकी है.

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महामारी के कारण 23 मार्च से भारत में अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें निलंबित हैं. हालांकि, एयरलाइनों को इस साल मई से वंदे भारत मिशन के तहत और जुलाई से द्विपक्षीय ‘एयर बबल’ समझौतों के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी गई है. भारत ने यह समझौता ब्रिटेन सहित 24 देशों के साथ किया है.

भाषा

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