कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे 13 मई को सामने आएंगे. जैसा की सभी एग्जिट पोल में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप उभरती हुई नजर आ रही है बावजूद इसके अधिकांश पोल द्वारा कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा को दिखाया गया है. ऐसे में जेडीएस की भूमिका को अब कोई दल कमतर नहीं आंक रहा. अगर कर्नाटक में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो ऐसे में जेडीएस किंग मेकर की भूमिला निभा सकती है. यही वजह है कि, कुमारस्वामी की जेडीएस बीजेपी-कांग्रेस के द्वारा उनसे संपर्क करने की बात कही है.
जेडीएस का कहना है, उन्हे कांग्रेस और बीजेपी के तरफ से बातचीत के संकेत मिल रहे हैं. जेडीएस वरिष्ठ नेता तनवीर अहमद ने कहा कि यह तय कर लिया गया है कि किसके साथ साझेदारी की जाएगी. दरअसल, एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में जेडीएस के वरिष्ठ नेता तनवीर अहमद ने बताया कि ‘निर्णय ले लिया गया है. जब सही समय आएगा तो हम जनता के सामने इसकी घोषणा करेंगे’
उन्होंने कहा कि ‘कर्नाटक के लोग चाहते हैं कि हम राज्य की बेहतरी के लिए दोनों राष्ट्रीय दलों पर नजर रखें. लेकिन, मुझे नहीं लगता कि कोई कारण है कि क्षेत्रीय दल कर्नाटक के विकास के लिए काम नहीं करना चाहेंगे.
पार्टी कितनी सीटों पर जीतेगी इस सवाल के जवाब में अहमद ने कहा कि ‘हमारे बिना कोई भी सरकार नहीं बना सकता है. मुझे लगता है कि यह एक अच्छी संख्या होगी. हम पैसे, शक्ति, बाहुबल के मामले में राष्ट्रीय दलों का मुकाबला नहीं कर सके. हम एक कमजोर पार्टी थे. लेकिन, हम जानते हैं कि सरकार का हिस्सा बनने के लिए हमने काफी मेहनत की है’.
हालांकि बीजेपी नेता शोभा करंदलाजे ने कहा कि गठबंधन की नौबत ही नहीं आएगी. बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना लेगी. उन्होंने जेडीएस से संपर्क करने की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी राज्य में कम से कम 120 सीटें जीतने जा रही है.