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Hathras Gangrape Case: मथुरा जेल पहुंची ईडी, पीएफआइ के चारों सदस्यों से पूछताछ, पढ़ें हाथरस मामले का पूरा अपडेट

हाथरस कांड (Hathras Case) को लेकर यूपी (Utter Pradesh-UP) में दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के चारों आरोपियों प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पूछताछ कर रही है.

Hathras Gangrape Case: हाथरस कांड (Hathras Case) को लेकर यूपी (Utter Pradesh-UP) में दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के चारों आरोपियों प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पूछताछ कर रही है. ईडी की टीम पूछताछ के लिए मथुरा जेल पहुंच चुकी है. चारों पर आरोप है कि वो हाथरस मामले को लेकर जातीय दंगा भड़काने की कोशिश में थे.

आरोपियों से सीबीआई करेगी पूछताछ : हाथरस गैंगरेप मामले में सीबीआई सभी आरोपियों से पूछताछ करेगी. यूपी सरकार ने केन्द्र से सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. जिसको लेकर केन्द्र सरकार ने सीबीआई जांच की अधिसूचना जारी कर दी थी. इसी बीच खबर आ रही है कि सीबीआई चारों आरोपियों को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर सकती है.

सीबीआइ ने क्राइम सीन को किया री-क्रिएट : इधर, सीबीआइ हाथरस मामले की जांच के लिए पीड़िता के गांव पहुंची. वह मौका-ए-वारदात यानी बाजरे के खेत में गयी और तथ्य जुटाने के लिए वारदात का री-क्रिएशन किया. इसके अलावा, टीम उस जगह पर भी गयी, जहां लड़की के शव का अंतिम संस्कार किया गया था. इसके बाद सीबीआइ टीम लड़की के भाई को अपने साथ ले गयी और कई घंटे तक पूछताछ के बाद छोड़ दिया.

इससे पहले, इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ ने हाथरस की पीड़िता का शव प्रशासन द्वारा देर रात जलाये जाने की घटना को मानवाधिकार का उल्लंघन बताते हुए इसकी जवाबदेही तय करने के निर्देश दिये हैं. पीठ ने सरकार को हाथरस जैसे मामलों में शवों के अंतिम संस्कार के नियम तय करने के निर्देश भी दिये. पीड़ित परिवार ने सोमवार को पीठ के समक्ष आरोप लगाया था कि प्रशासन ने उनकी बेटी के शव का अंतिम संस्कार उनकी मर्जी के बगैर आधी रात के बाद करवा दिया.

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अदालत ने इसी का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने खुद कुबूल किया है कि शव का रात में अंतिम संस्कार करने का फैसला जिला प्रशासन का था, लिहाजा राज्य सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करे, ताकि मामले की विधिक और न्यायिक कार्यवाही निष्पक्ष रूप से हो सके.

जस्टिस पंकज मित्थल की अगुआई वाली पीठ ने तत्कालीन एसपी विक्रांत वीर के खिलाफ कार्रवाई किये जाने और डीएम को बख्श देने पर सवाल भी खड़े किये. न्यायालय ने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीड़िता से बलात्कार नहीं होने का दावा करनेवाले एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार और डीएम को कड़ी फटकार लगायी. हाइकोर्ट ने सोमवार को हाथरस मामले की सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे मंगलवार को जारी किया गया.

Posted by: Pritish Sahay

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