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दिवाली पर कई राज्यों में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध, तो कहीं आतिशबाजी की छूट, जानें कहां क्या हैं नियम

देश के कई राज्यों ने प्रदूषण पर लगाम के लिए कमर कस ली है. इसी के मद्देनजर इस बार दिवाली पर पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर रोक के लिए राज्यों की ओर से बड़ा फैसला लिया गया हैं. दीपावली के अवसर पर पटाखों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए कुछ राज्यों में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध की घोषणा की गई है.

Firecrackers Ban देशभर में कई राज्यों ने प्रदूषण पर लगाम के लिए कमर कस ली है. इसी के मद्देनजर इस बार दिवाली पर पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर रोक के लिए राज्यों की ओर से बड़ा फैसला लिया गया हैं. दीपावली के अवसर पर पटाखों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए कुछ राज्यों में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध की घोषणा की गई है, तो कहीं सिर्फ ग्रीन पटाखों को ही अनुमति दी गई है. जबकि, कुछ प्रदेशों ने आतिशबाजी के लिए समय सीमा भी तय कर दी है.

बात पश्चिम बंगाल की करें तो यहां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बुधवार को घोषणा की कि राज्य में केवल हरे पटाखे ही बेचे जा सकते हैं. इस संबंध में जारी निर्देश में कहा गया है कि ऐसे पटाखे को सिर्फ दो घंटे रात 8 बजे से 10 बजे के बीच फोड़े जा सकेंगे. दिवाली के दौरान और छठ पूजा पर दो घंटे के लिए ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दी गई है. पटाखों को लेकर जारी दिशानिर्देश पर पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा कि छठ पूजा के दौरान 2 घंटे सुबह 6-8 बजे और क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या 11:55 बजे से 12:30 बजे तक 35 मिनट फोड़े जाने की अनुमति है.

पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश में कहा गया है कि राज्य में इस संबंध में अगले आदेश तक ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और फोड़नपर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. कहा गया है कि पटाखे पर प्रतिबंध इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लगाए हैं कि कि पटाखे फोड़ने से हानिकारक रसायन निकलते हैं. इससे कमजोर समूहों के श्वसन स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. साथ ही पटाखे से फैले प्रदूषण से कोविड संक्रमित व्यक्तियों और होम कोरेंटिन में रहने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य की स्थिति पर प्रभाव पड़ेगा.

वहीं, इस दिवाली राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे फोड़ने की अनुमति नहीं है. पड़ोसी गुरुग्राम में भी पटाखा मुक्त प्रकाश उत्सव मनाया जाएगा, जबकि राजस्थान सरकार ने भी 1 अक्टूबर से इनकी बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ग्रीन पटाखों की आड़ में पटाखा निर्माताओं की ओर से प्रतिबंधित वस्तुओं का उपयोग किया जा रहा है और दोहराया कि संयुक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के उसके पहले के आदेश का पालन हर राज्य द्वारा किया जाना चाहिए.

बता अगर राजस्थान की करें तो राज्य सरकार ने प्रदेश में पटाखों पर प्रतिबंध के मामले में यू टर्न ले लिया है यहां एनसीआर क्षेत्र को छोड़कर अन्य जिलों में दीपावली पर दो घंटे रात 8 से 10 बजे तक के लिए ग्रीन पटाखों को चलाने की अनुमति दी गई है. गृह विभाग की ओर से जारी आदेशों में क्रिसमस और नववर्ष पर रात्रि 11.55 से रात्रि 12.30 बजे, गुरु पर्व पर रात्रि 8 से रात्रि 10 बजे तक तथा छठ पर्व पर सुबह 6 से सुबह 8 बजे तक ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति होगी. कुछ दिन पहले प्रदूषण और कोरोना मरीजों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए सरकार ने राज्य में 1 अक्तूबर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक इनके विक्रय व उपयोग पर रोक लगा दी थी.

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह पूर्व कहा था कि हमने पटाखे पर प्रतिबंध को लेकर जो आदेश पारित कर रखा है. उसका प्रत्येक राज्य पालन करें. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह उत्सव के खिलाफ नहीं है, लेकिन आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डालकर उत्सव मनाने की छूट नहीं दी जा सकती है. उत्सव फुलझड़ी चलाकर या बिना शोर के भी हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ग्रीन पटाखे की आड़ में पटाखा निर्माता प्रतिबंधित रसायन का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे जहां लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है वहीं, वातावरण भी प्रदूषित होता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब भी कोई उत्सव होता है तो आप देख सकते हैं कि बाजार में प्रतिबंधित पटाखे उपलब्ध हैं.

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