29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

वित्तमंत्री ने पेश किया 20 लाख करोड़ रुपये के खर्च का लेखा-जोखा, पढ़ें किस सेक्टर को कितने मिले पैसे

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज के पांचवी किश्त का ब्योरा दिया. पिछले चार दिनों से वे रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थीं. 13 मई के प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने एसएमई को राहत देने की बात कही थी. 14 मई के प्रेस कॉन्फ्रेंस में मजदूरों और शहरी गरीबों को राहत देने का जिक्र हुआ था. 15 मई किसानों पशुपालकों को राहत दी गयी थी. 16 मई को कोयला खनिज और रक्षा क्षेत्र में बड़े एलान किये गये थे. आज के प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार और बदलाव का जिक्र किया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज के पांचवी किश्त का ब्योरा दिया. पिछले चार दिनों से वे रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थीं. 13 मई के प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने एसएमई को राहत देने की बात कही थी. 14 मई के प्रेस कॉन्फ्रेंस में मजदूरों और शहरी गरीबों को राहत देने का जिक्र हुआ था. 15 मई किसानों पशुपालकों को राहत दी गयी थी. 16 मई को कोयला खनिज और रक्षा क्षेत्र में बड़े एलान किये गये थे. आज के प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार और बदलाव का जिक्र किया. इन चार दिनों में लगभग हर क्षेत्र को राहत देने की बात कही गयी. पढ़ें 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज को कहां-कहां खर्च किया जायेगा. पढ़ें किन-किन क्षेत्रों में खर्च किये जायेंगे 20 लाख करोड़ रूपये.

केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की योजना मनरेगा के बजट में बड़ा इजाफा किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि मनरेगा का बजट 40 हजार करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया है. फिलहाल 61000 करोड़ रूपये का मनरेगा बजट है.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के लिए एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये.

स्वास्थ्य विभाग के लिए 15 हजार करोड़ दिया गया. टेस्टिंग और लैब किट के लिए 550 करोड़ का फंड बनाया गया.

मछुआरों और पशुपालन के काम से जुड़े किसानों सहित 2.5 करोड़ किसानों को सरकार के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दो लाख करोड़ रुपये का रियायती ऋण मिल सकेगा.

लघु और सीमांत किसानों के लिए नाबार्ड द्वारा अतिरिक्त 30,000 करोड़ रुपये की आपातकालीन कार्यशील पूंजी का वित्तपोषण किया जायेगा, जिससे लगभग तीन करोड़ किसान लाभान्वित होंगे.

3 करोड़ किसानों ने 4.22 लाख करोड़ रुपये के लोन पर लोन मोराटोरियम की सुविधा ली है. इसके अलावा ब्याज पर छूट, फसलों पर इंसेंटिव को 31 मई 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं. इन पर लोन लिमिट 25 करोड़ होगी.

प्रवासी मजदूरों को खाना और भोजन मुहैया कराने के लिए स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (SDRF)के तहत 11002 करोड़ रुपए दिए हैं. प्रति व्यक्ति को दिन में तीन बार खाना दिया जा रहा है.

8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने तक प्रति व्यक्ति मुफ्त पांच किलो अनाज और प्रति परिवार एक किलो चना दाल दी जाएगी. इसके लिए 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू करेगी. इस कार्यक्रम से 55 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.

खुरपका-मुंहपका और ब्रुसेलोसिस के लिए 13,343 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया.

हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं; अगले 2 वर्षों में 10,00,000 हेक्टेयर जमीन को कवर किया जाएगा.

15,000 करोड़ रुपये का पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष स्थापित किया जाएगा.

एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्रों, संग्रह, विपणन और भंडारण केंद्रों और मूल्य संवर्धन सुविधाओं से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की योजना लागू की जाएगी; इससे 2 लाख मधुमक्खी पालनकर्ताओं की आय में वृद्धि होगी.

रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए और ग्रामीण, आदिवासी इलाकों के लिए कैंपा फंड के तहत 6 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा. इससे पौधारोपण, हरियाली बढ़ाने जैसे काम किए जाएंगे.

हाउजिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 6-18 लाख रुपए की वार्षिक आमदनी वाले मिडिल क्लास के लिए 2017 में लाए गए हाउसिंग लोन सब्सिडी योजना को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है. इसके लिए 70 हजार करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया है. एक साल में 2.5 लाख लोग इसका फायदा लेंगे. इससे हाउजिंग सेक्टर को फायदा होगा और नई नौकरियां भी पैदा होंगी.

रेहड़ी, पटरी, फेरीवालों के लिए ऋण योजना के तहत 50 लाख फेरीवालों को 5 हजार करोड़ रुपए की ऋण सहायता दी जाएगी. ये आसानी से 10 हजार रुपए तक का ऋण ले सकते हैं. ताकी लॉकडाउन खत्म होने के बाद वे अपना काम दोबारा शुरू कर सकें.

मुद्रा शिशु लोन योजना के तहत 1500 करोड़ रुपए की ब्याज राहत दी जाएगी. एक लाख 62 हजार करोड़ रुपए इसके तहत दिए गए हैं. इससे 3 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा.

तीन लाख करोड़ रुपए का कोलेट्रल फ्री ऋण एमएसएमई को दिया जाएगा. इसके साथ ही एमएसएमई के परिभाषा में बदलाव करते हुए मध्यम उद्यम के कारोबार की सीमा को बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए कर दिया गया है. माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (MFEs) के लिए 10,000 करोड़ रुपये दिये जायेंगे.

डिस्कॉम यानी बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए इमरजेंसी लिक्विडिटी 90,000 करोड़ रुपये दी जाएगी.

नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ की विशेष लिक्विडिटी स्कीम लाई जा रही है. इससे नकदी का संकट नहीं रह जाएगा.

एनबीएफसी को 45,000 करोड़ की पहले से चल रही योजना का विस्तार होगा. वहीं आं​शिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार होगा, इसमें डबल ए (AA) या इससे भी कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा.

200 करोड़ से कम वाले में ग्लोबल टेंडर नहीं होगा. एमएसएमई को लाभ दिया जाएगा, ईपीएफ में 2500 करोड़ रुपए का निवेश होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें