DU:दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनावों में अप्रत्यक्ष मतदान प्रणाली (इनडायरेक्ट इलेक्शन) लागू करने की सिफारिश के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने मोर्चा खोल दिया है. विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसले के खिलाफ गुरुवार को एबीवीपी ने कला संकाय के गेट के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में एबीवीपी कार्यकर्ता और छात्र एकजुट होकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और छात्र-विरोधी सिफारिश को तुरंत रद्द करने की मांग की. इस बाबत एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कुलपति को ज्ञापन भी सौंपा.
गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की होने वाली बैठक में 17 जनवरी को हुई बैठक में छात्रसंघ के चुनाव को धनबल और बाहुबल से मुक्त करने के लिए दो स्तर पर चुनाव कराने की सिफारिश पर विचार हुआ था. डूसू चुनावों को प्रत्यक्ष मतदान के स्थान पर अप्रत्यक्ष प्रणाली (इनडायरेक्ट इलेक्शन) से कराने का सुझाव दिया गया था. इस प्रस्ताव को पास करने की संभावना को देखते हुए, एबीवीपी ने छात्रों के व्यापक समर्थन से इसका विरोध दर्ज कराया.
एबीवीपी के विरोध की वजह
विरोध प्रदर्शन कर रही डूसू की सचिव मित्रविंदा कर्णवाल ने कहा कि छात्रसंघ चुनावों में अप्रत्यक्ष प्रणाली लागू कर विश्वविद्यालय प्रशासन लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. यह फैसला छात्रों के मताधिकार को समाप्त करने के समान है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. एबीवीपी दिल्ली के प्रांत मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा कि डूसू चुनावों में अप्रत्यक्ष प्रणाली लागू करना छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है. यह विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों की भागीदारी को सीमित करने की साजिश है, जिसे हम किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं करेंगे. वहीं एबीवीपी की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल ने कहा कि एबीवीपी प्रतिनिधियों ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. प्रशासन ने आश्वासन दिया कि इनडायरेक्ट इलेक्शन से संबंधित सभी बिंदुओं को वापस लिया जाएगा. कोई भी फैसला लेने से पहले सभी हितधारकों के साथ संवाद होना जरूरी है.
हाईकोर्ट के फैसले के कारण उठाया कदम
दिल्ली छात्रसंघ चुनाव के दौरान धनबल और बाहुबल के बढ़ते प्रयोग को लेकर विशेषज्ञ के अलावा अदालतें चिंता जाहिर कर चुकी है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले साल 11 नवंबर को दिए गए दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का देखते हुए छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया में व्यापक बदलाव करने का निर्णय लिया. अदालत ने एकल चुनाव प्रणाली के बदले दो स्तर पर चुनाव कराने की बात कही थी. अदालत ने कहा था कि छात्रसंघ चुनाव के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, धनबल और बाहुबल के प्रयोग को रोकने के लिए दो स्तर पर चुनाव होना जरूरी है.
हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रसंघ चुनाव प्रणाली में व्यापक सुधार लाने के लिए एक कमेटी का गठन किया. कमेटी ने छात्रसंघ चुनाव को कराने के लिए दो स्तरीय व्यवस्था अपनाने का सुझाव दिया. कमेटी की रिपोर्ट पर गुरुवार को होने वाली बैठक में फैसला होने की संभावना थी. इसे देखते हुए एबीवीपी ने विरोध प्रदर्शन किया. कमेटी की सिफारिश के अनुसार कॉलेज, डिपार्टमेंट और केंद्र चुनाव होगा और इस चुनाव में जीते प्रतिनिधि छात्रसंघ के प्रमुख पदों पर चुनाव में भाग लेंगे.