Drugs: देश में ड्रग्स के खिलाफ केंद्र सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. ड्रग्स के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. सरकार की कोशिशों का नतीजा है कि हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की जब्ती की गयी है. इस कड़ी में नॉरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो(एनसीबी) की जोधपुर जोनल यूनिट ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर एनसीबी की विशेष टीम ने बुधवार को देर रात राजस्थान के जालौर जिले के सांचौर में एक विशेष ऑपरेशन को अंजाम दिया.
ऑपरेशन के दौरान एनसीबी की टीम ने एक ट्रक को पकड़ा, जिसमें बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित ड्रग्स की खेप मौजूद थी. जांच में पाया गया कि ट्रक में 2413.68 किलोग्राम गांजा मौजूद है.
इस जब्त गांजे की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 3.61 करोड़ रुपये आंकी गयी. जांच में पता चला कि गांजे की खेप को झारखंड से बाड़मेर के लिए भेजा गया गया. इस दौरान एक तस्कर को गिरफ्तार किया और एनडीपीएस कानून 1985 के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. पूर्व में एनसीबी में सैकड़ों करोड़ रुपये के ड्रग्स को जब्त करने और उसके नेटवर्क को समाप्त करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है.
ऑपरेशन प्रहार के तहत हुई कार्रवाई
देश में नशे के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ऑपरेशन प्रहार चला रही है. इस ऑपरेशन के तहत एनसीबी ड्रग्स नेटवर्क को समाप्त करने के लिए विशेष अभियान चला रहा है. राजस्थान में गांजा की बड़ी खेप पकड़े जाने के मामले की जांच जारी है और जांच एजेंसी की कोशिश इसके आपूर्तिकर्ता, सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में मदद करने वाले, वित्तीय मदद मुहैया कराने वाले नेटवर्क का पता लगाना है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देश को वर्ष 2047 तक ड्रग्स मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है. राज्यों के साथ समन्वय बनाने के लिए राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन ‘मानस’ पोर्टल बनाया गया है. इसका मकसद राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के साथ रीयल-टाइम जानकारी साझा करने और ड्रग तस्करी के खिलाफ राज्यों की प्रगति और नारकोटिक्स समन्वय तंत्र को सशक्त बनाना है.
साथ ही राज्य फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की कार्यक्षमता को मजबूत करने और उनकी प्रभावशीलता बढ़ाने, ड्रग्स से संबंधित मामलों के जल्द निपटारे के लिए विशेष एनडीपीएस अदालतों की स्थापना और ड्रग तस्करी तथा इनके दुरुपयोग से निपटने के लिए सभी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया गया है और इसका परिणाम दिख रहा है.

