Delhi Pollution: दिल्ली की वायु गुणवत्ता बिगड़ती जा रही है. मंगलवार को लगातार 12वें दिन भी यह बहुत खराब श्रेणी में बनी रही. समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 353 रहा. दिल्ली में इस मौसम का अब तक का सबसे कम अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है. वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने पूर्वानुमान जाहिर किया है कि 26 से 28 नवंबर तक वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रह सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक अगले छह दिनों के लिए वायु गुणवत्ता गंभीर से लेकर बहुत खराब स्तर तक हो सकती है. मंगलवार को 24 घंटे का औसत AQI 352 रहा, जबकि सोमवार को यह 382 था. यह लगातार 12वें दिन भी बहुत खराब श्रेणी में रहा.
ज्वालामुखी के राख और फैला सकते हैं प्रदूषण!
दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता राष्ट्रीय राजधानी के लिए बड़ी चिंता बनी हुई है. आशंका है कि इथियोपिया में ज्वालामुखी गतिविधि से उत्पन्न राख के बादल क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर को और बिगाड़ सकते हैं. इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित ढाल-ज्वालामुखी हायली गुब्बी में रविवार को विस्फोट हो गया था, जिससे राख का गुबार करीब 14 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया और लाल सागर की ओर पूर्व दिशा में फैलने लगा. हालांकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि राख का गुबार चीन की ओर बढ़ रहा है. लेकिन, पूर्वानुमान मॉडल ने गुजरात, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा पर राख के संभावित प्रभाव का संकेत भी दिया है.
सीपीसीबी के आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़े के मुताबिक रविवार को औसत एक्यूआई 391, शनिवार को 370, शुक्रवार को 374, गुरुवार को 391, बुधवार को 392, मंगलवार को 374 और सोमवार को 351 रहा. सीपीसीबी का समीर ऐप के अनुसार 38 चालू स्टेशन में से केवल रोहिणी में मंगलवार को वायु गुणवत्ता 401 के एक्यूआई के साथ गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया. सोमवार को 15 स्टेशन गंभीर श्रेणी में थे.
डीएसएस की रिपोर्ट में क्या है?
पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान की निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) ने बताया कि मंगलवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन (Emission) का योगदान 19.6 फीसद था, जो सभी स्रोतों में सबसे अधिक है, जबकि पराली जलाने से 1.5 फीसदी प्रदूषण हुआ. बुधवार के लिए वाहनों का योगदान 21.1 फीसद, और पराली का योगदान 1.5 फीसदी रहने का अनुमान है. रविवार को उपग्रह से ली गई तस्वीरों में पंजाब में तीन, हरियाणा में एक और उत्तर प्रदेश में 522 खेतों में आग की घटनाएं दर्ज की गयी.
(इनपुट भाषा)

