Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में बीते कुछ दिनों से लोगों का हाल बेहाल है. एक्यूआई लगातार बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है. दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिये वाटर स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव किया जा रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 358 दर्ज किया गया.
प्रदूषण की रोकथाम के लिए नई नियमें लागू
राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण (Air Pollution) पर नियंत्रण के लिए आज यानी गुरुवार (18 दिसंबर) से सख्त नियम लागू हो गए हैं. इन नियमों के तहत बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUCC) के गाड़ियों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा. दिल्ली के बाहर की गाड़ियों को दिल्ली के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. सभी सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में आधे कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का निर्देश दिया गया है.
गुरुवार की शाम इंडिया गेट, कर्तव्य पथ और आसपास के इलाके जहरीले धुएं की मोटी परत से ढका नजर आया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने बताया कि क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 365 है, जिसे अत्यंत खराब श्रेणी में आता है.
मिशन मोड पर काम कर रही सरकार- प्रवेश वर्मा
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने गुरुवार को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि आप सरकार पिछले एक दशक में बुनियादी नागरिक कार्यों को भी पूरा करने में विफल रही थी, जिससे मौजूदा प्रशासन को कूड़े के पहाड़ों और टूटी सड़कों से लेकर प्रदूषण और यमुना की सफाई जैसे लंबित मुद्दों का समाधान करना पड़ रहा है. वर्मा ने कहा कि यदि पहले एक भी ठोस काम किया गया होता तो आज शहर को यह स्थिति नहीं झेलनी पड़ती.
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को सुनाई खरी-खरी
इससे पहले बुधवार को प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने दिल्ली- एनसीआर में प्रदूषण को लेकर नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों को खरी-खरी सुनाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को प्रभावी ढंग से रोकने में अधिकारियों की ओर से अब तक उठाए गए कदम पूरी तरह से फेल रहे हैं. चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने टिप्पणी की कि प्रदूषण में किसी भी सार्थक कमी के लिए दीर्घकालिक योजना की आवश्यकता होगी.

