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Defense: भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो रही है भारतीय नौसेना

मौजूदा समय में भारत सरकार की ओर से नौसेना के लिए 61 युद्धपोत और पनडुब्बियों का निर्माण अलग-अलग चरणों में किया जा रहा है. प्रोजेक्ट 17 बी के तहत 7 अगली पीढ़ी के फ्रिगेट और दो मल्टी पर्पज पोत बनाने का प्रस्ताव को जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है. इसके अलावा 6 अत्याधुनिक पनडुब्बियां और 3 स्कॉर्पीन क्लास की पनडुब्बियां बनाने की भी योजना है.

Defense: युद्धपोत निर्माण में भारत की बढ़ती ताकत और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रोजेक्ट-17 ए के तहत भारतीय नौसेना में दो युद्धपोत आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरी को शामिल किया गया. देश में पहली बार दो विभिन्न कंपनियों द्वारा स्वदेशी तकनीक से निर्मित युद्धपोत को नौसेना में शामिल किया गया है. आईएनएस उदयगिरी का निर्माण मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड और आईएनएस हिमगिरी का निर्माण कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड की ओर से किया गया है.

मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों युद्धपोत को नौसेना को सौंपा. खास बात है कि दोनों बहुउद्देशीय स्टील्थ फ्रिगेट काफी घातक हैं और इसके नौसेना में शामिल होने से हिंद महासागर में भारतीय नौसेना मजबूती से दुश्मनों पर नजर रख सकेगी और उनके हर हमले का सटीक जवाब देने में सक्षम होगी. उदयगिरि और हिमगिरि दोनों जहाज भारतीय नौसेना के ‘प्रोजेक्ट 17ए’ के तहत निर्मित किए गए हैं. यह भारतीय नौसेना के लिए अत्याधुनिक, बहुउद्देशीय स्टील्थ फ्रिगेट बनाने की योजना का हिस्सा है. 

मौजूदा समय में भारत सरकार की ओर से नौसेना के लिए 61 युद्धपोत और पनडुब्बियों का निर्माण अलग-अलग चरणों में किया जा रहा है. प्रोजेक्ट 17 बी के तहत 7 अगली पीढ़ी के फ्रिगेट और दो मल्टी पर्पज पोत बनाने का प्रस्ताव को जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है. इसके अलावा 6 अत्याधुनिक पनडुब्बियां और 3 स्कॉर्पीन क्लास की पनडुब्बियां बनाने की भी योजना है. 

भविष्य के लिए नौसेना को किया जा रहा तैयार


समय के साथ तेजी से युद्ध का तरीका बदल रहा है. हर युद्ध में नयी तकनीक, नये उपकरण और नयी रणनीति देखने को मिल रही है. ऐसे में नौसेना को भी समय के साथ खुद को अपग्रेड करने और भावी युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा. नये समय में परंपरागत सोच और काम करने के तरीके से काम नहीं चलेगा. यही वजह है कि भारत सरकार रक्षा क्षेत्र में शोध और इनोवेशन को बढ़ावा दे रही है. कुछ समय पहले सिर्फ कुछ देश ही आधुनिक रक्षा उपकरण बनाने में सक्षम थे, लेकिन अब भारत भी आधुनिक रक्षा उपकरण बना रहा है. देश की सुरक्षा में नौसेना का महत्व पहले से काफी अधिक बढ़ गया है. 


नौसेना को आधुनिक बनाने के लिए सरकार की ओर से लाखों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और आने वाले समय में नौसेना में कई नए और अत्याधुनिक युद्धपोत को शामिल करने की योजना है. विध्वंसक जहाजों के क्षेत्र में भारत पहले ही प्रोजेक्ट 15 बी के तहत विशाखापट्टनम-श्रेणी के जहाज बना चुका है, जिसमें आईएनएस विशाखापट्टनम, मुरगांव, इम्फाल और आने वाला आईएनएस सूरत शामिल हैं. इसके अलावा नेक्स्ट जनरेशन डेस्ट्रॉयर बनाने की योजना है जो पूरी तरह डिजिटल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित नियंत्रण प्रणाली और हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणालियों के साथ विकसित करने की योजना है. 

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