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कूनो नेशनल पार्क में आया राजस्थान से ‘खतरनाक मेहमान’, चीतों के लिए नई टेंशन, वन अधिकारी भी परेशान

कूनो वन अधिकारी बड़ी जद्दोजहद के बाद घुमक्कड़ चीतों को वापस कूनो के बाड़े में लाने में कामयाब हुए हैं. ऐसे में अब एक शिकारी के कूनो में आ जाने से सबकी चिंता बढ़ गई है. इस खतरनाक शिकारी की एंट्री से चीतों की सुरक्षा को लेकर चिंता काफी बढ़ गई है.

एमपी के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की टेंशन बढ़ गई है, क्योंकि राजस्थान से एक खतरनाक मेहमान कूनो आ गया है. यही नहीं वन के अधिकारियों के लिए भी इससे नई समस्या खड़ी हो गई है. दरअसल राजस्थान के रणथंभौर अभयारण्य से एक भटकता हुआ बाघ कूनो में प्रवेश कर गया है. कूनो में इस खतरनाक शिकारी के घुस जाने से वन अधिकारी सकते में हैं. चीतों को लेकर उन्हें चिंता सता रही है.

गौरतलब है कि कूनो वन अधिकारी  बड़ी जद्दोजहद के बाद घुमक्कड़ चीतों को वापस कूनो के बाड़े में लाने में कामयाब हुए हैं. ऐसे में अब एक शिकारी बाघ के कूनो में आ जाने से सबकी चिंता बढ़ गई है. बाघ की एंट्री से चीतों की सुरक्षा को लेकर चिंता काफी बढ़ गई है. गौरतलब है कि हाल ही में दो चीतों की मौत भी हो गई है. ऐसे में अगर चीतों का राजस्थान के बाघ टी 136 से सामना होता है तो निश्चित ही चीतों के लिए यह ठीक नहीं है.

अपना इलाका बनाने की तैयारी में है टी 136: बता दें, यह कोई पहला मौका नहीं है जब कोई बाघ घूमता हुआ कूनो नेशनल पार्क आ पहुंचा हो. कई बार यहा खतरनाक नर बाघों की आवाजाही देखी गई है, लेकिन इस बार वन अधिकारियों को चिंता इस कारण सता रही है कि टी 136 यहां अपना इलाका तैयार कर रहा है. सबसे बड़ी बात की बाघ घात लगाकर शिकार करता है. ऐसे में कूनो के घने जंगलों में वो चीतों के लिए काफी खतरनाक हो सकता है.

वन अधिकारी ने कही ये बात: इस पूरे मामले में वन अधिकारियों का कहना है कि बाघ के आगमन पर वो कड़ी निगरानी रख रहे हैं. ऐसे में बाघ अगर चीतों के लिए चुनौती बनता है तो वो बाघ को शांत करने के प्रयासों पर काम करेंगे. हालांकि वन अधिकारियों ने यह भी कहा है कि अभी तक ऐसा देखने में आया है कि रणथंभौर से आये बाघ अपने आवास में लौट जाते हैं. किसी ने भी कूनो में कभी अपना घर नहीं बनाया.

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2022 से भटक रहा है यह बाघ: गौरतलब है कि रणथंभौर से आया टी 136 2022 से ही भटक रहा है. रणथंभौर अभयारण्य से निकलने के बाद उसने पहले कैलादेवी अभयारण्य में अपना ठिकाना बनाया. इसके बाद वो चंबल पार कर मध्य प्रदेश की सीमा में आ गया है. वन अधिकारियों को उसके पैर के निशान कूनो में भी मिले हैं. हालांकि वन अधिकारी टी 136 को पकड़ने की भी कोशिश कर रहे हैं. 

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