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कमलनाथ सरकार पर ‘संकट’ के बीच सिंधिया ने साधी चुप्पी, समर्थक विधायकों के फोन बंद

इस पूरे घटनाक्रम को पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा

नयी दिल्ली/भोपाल : मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के एक बार फिर से संकट में घिरने की अटकलें तेज हो गईं हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कई समर्थक विधायकों ने अपने फोन बंद कर दिए हैं और कुछ के भोपाल से बाहर जाने की खबर आई है.

कांग्रेस के विभिन्न गुटों में चल रही कथित अंदरूनी लड़ाई एवं कमलनाथ नीत प्रदेश सरकार को कथित रूप से भाजपा द्वारा अस्थिर करने के आरोपों के बीच सिंधिया, उनके समर्थक कुछ मंत्रियों सहित 17 विधायकों के मोबाइल फोन सोमवार शाम अचानक बंद हो गये. खबरों के मुताबिक कांग्रेस के कुछ विधायक एवं मंत्री भोपाल से बाहर खासकर बेंगलुरू चले गए हैं, हालांकि कांग्रेस सूत्रों ने इसकी पुष्टि नहीं की है.

इस बीच, राज्यसभा चुनाव के संदर्भ में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ शाम में ही भोपाल पहुंच गए. सूत्रों का कहना है कि सिंधिया ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध ली है और उनसे संपर्क भी नहीं हो पा रहा है. एक सूत्र ने बताया कि सिंधिया शाम के समय दक्षिणी दिल्ली के अपने आवास से निकलकर कहीं गए थे और कुछ समय बाद लौट भी आए.

चर्चा यह भी है कि सिंधिया राज्यसभा की सदस्यता और खुद को मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त करने पर जोर दे रहे हैं. ऐसे में इस पूरे घटनाक्रम को पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है. ताजा राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में सिंधिया के मोबाइल फोन पर बार-बार संपर्क करने के प्रयास किये गये, लेकिन सफलता नहीं मिली.

सिंधिया के अलावा, उनके समर्थक मध्यप्रदेश के छह मंत्रियों के मोबाइल फोन भी आज शाम से बंद हैं. जिन मंत्रियों के मोबाइल फोन बंद हैं, उनमें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट, श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं.

इनके अलावा, सिंधिया समर्थक 11 विधायकों से भी मोबाइल पर संपर्क नहीं हो पा रहा है. वहीं, मध्यप्रदेश कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा, इस मामले में कुछ भी गंभीर नहीं है. इन मंत्रियों के मोबाइल फोन बंद होने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि मध्यप्रदेश की सियासत में पिछले एक सप्ताह से चल रही उठापटक में अब भूचाल आ गया है.

उधर, मुख्यमंत्री कमलनाथ रविवार रात भोपाल से दिल्ली पहुंचे और मध्यप्रदेश के हालिया राजनीति घटनाक्रम और राज्यसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की.

मुलाकात के बाद कमलनाथ ने दिल्ली में कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा हुई. इसके बाद कमलनाथ सोमवार देर शाम को दिल्ली से भोपाल लौट चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि करीब 20 मिनट तक चली सोनिया और कमलनाथ की मुलाकात के दौरान राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के संदर्भ में मुख्य रूप से चर्चा हुई.

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