छत्तीसगढ़ के बाजीपुर में सुरक्षाबल और नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गये. इस हमले में 15 नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है जबकि कई नक्सली घायल हैं. कई जवान अभी भी लापता है. अब खबर आ रही है कि इस हमले की योजना नक्सली लंबे समय से बना रहे थे. इस हमले में नक्सलियों ने आधुनिक हथियार का इस्तेमाल किया है जिसमें एलएमजी और रॉकेट जैसे कई खतरनाक हथियार भी शामिल थे.
सुरक्षा बलों को माओवादियों के एक जगह जमा होने की खुफिया जानकारी मिली थी इसी के तहत ऑपरेशन लॉन्च किया गया था 3 अप्रैल की दोपहर को सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर जोनागुडा गांव के समीप माओवादियों ने घात लगाकर हमला किया. इस गांव की दूरी बेस कैंप से 15 किमी की ही है. नक्सलियों ने ना सिर्फ अत्याधुनिक हथियारों से बल्कि देशी नुकली हथियारों से भी हमला किया.
ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों की पहले से बनायी गयी योजना थी. हमारी सेना ने नक्सलियों की गोलियों का मुंहतोड़ जवाब दिया . सूत्रों की मानें तो हमला करने वाले नक्सलियों की संख्या 200 से 300 की थी.
सूत्र बताते हैं कि इस हमले का नेतृत्व कमांडर हिडमा कर रहा था . सुरक्षाबलों पर यह हमला नक्सलियों के संगठन पीपुल्स लिबरेशन ग्रुप आर्मी प्लाटून वन की यूनिट ने किया है जिसका नेतृत्व हिडमा ही करता है . माओवादी की पलटन में कोंटा एरिया कमिटी, जगरगुंडा और बासागुड़ा एरिया कमिटी भी शामिल थी. मुठभेड़ पांच से छह घंटे चली . नक्सलियों को भी इस हमले के बाद काफी नुकसान पहुंचा है