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बिना ज्वाइनिंग लेटर और डिजिटल पेमेंट के नहीं करा सकते काम, जानिए और क्या क्या है नए श्रम कानून में

तीन प्रमुख श्रम सुधार विधेयकों को राज्यसभा ने बुधवार को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. इस दौरान विपक्ष के अधिकांश सदस्यों ने कार्यवाही का बहिष्कार किया. नये श्रम कानून में देश के संगठित व असंगठित दोनों ही क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कई नये प्रावधान किये गये हैं.

नयी दिल्ली : तीन प्रमुख श्रम सुधार विधेयकों को राज्यसभा ने बुधवार को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. इस दौरान विपक्ष के अधिकांश सदस्यों ने कार्यवाही का बहिष्कार किया. नये श्रम कानून में देश के संगठित व असंगठित दोनों ही क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कई नये प्रावधान किये गये हैं. अब सभी श्रमिकों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा. उनके वेतन का डिजिटल भुगतान करना होगा. वर्ष में एक बार सभी श्रमिकों का हेल्थ चेकअप भी जरूरी होगा.

वहीं, उद्यमियों के कारोबार को आसान बनाने के लिए नयी व्यवस्था की गयी है. असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 40 करोड़ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा फंड का निर्माण किया जायेगा. देश के सभी जिलों में इएसआइसी की सुविधा होगी. नये प्रावधानों के तहत अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को हटाने की अनुमति होगी.

केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इन सुधारों का मकसद बदले हुए कारोबारी माहौल के अनुकूल पारदर्शी प्रणाली तैयार करना है. इससे रोजगार बढ़ेगा. कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी. श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी. नयी श्रम संहिता से न्यूनतम वेतन और समय पर वेतन भुगतान होगा.

ये बदलाव नियोक्ता व श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे. इन विधेयकों को लोकसभा पहले ही पास कर चुका है. इस तरह उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 को संसद की मंजूरी मिल गयी.

  • हर साल हेल्थ चेकअप, ग्रेच्युटी के लिए पांच साल की बाध्यता खत्म

  • प्रवासी मजदूरों का डाटा रखने के लिए लेबर ब्यूरो

  • सभी राज्यों से प्रवासी मजदूरों का लिया जायेगा डाटा

  • साल में एक बार मूल निवास जाने के लिए सरकारी सुविधा

श्रमिक / कर्मचारी

  • बहाली होने पर मिलेगा नियुक्ति पत्र ओवरटाइम का होगा भुगतान

  • एक सप्ताह में छह दिन से ज्यादा काम नहीं

  • हड़ताल पर जाने के लिए 60 दिन पहले देना होगा नोटिस

कंपनियों को छूट

  • अधिकतर कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर रखने की इजाजत

  • कॉन्ट्रैक्ट को असमिति समय के लिए बढ़ाने की सुविधा

  • 300 से कम कर्मचारीवाली कंपनियों को छंटनी की छूट

उद्यमियों को सुविधा

  • यूनिट चलाने के लिए अब सिर्फ एक रजिस्ट्रेशन की जरूरत

  • श्रम संबंधी संहिता के पालन को लेकर अब सिर्फ एक रिटर्न

  • यूनिट का अब फेसलेस तरीके से रैंडम निरीक्षण किया जायेगा

असंगठित क्षेत्र

  • 40 करोड़ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा फंड

  • देश के सभी जिलों में इएसआइसी की सुविधा

  • खतरनाक क्षेत्रों में काम करनेवाले श्रमिकों को इएसआइसी का लाभ

  • घर से काम पर आने-जाने के दौरान दुर्घटना पर मिलेगा कंपनसेशन

महिला श्रमिक

  • महिलाओं के लिए वर्किंग आवर सुबह 6 से लेकर शाम 7 बजे के बीच रहेगा

  • अपनी इच्छा से रात की पाली में भी काम कर सकेंगी, सुरक्षा की जिम्मेवारी कंपनी की

ग्रेच्युटी : ग्रेच्युटी की पांच साल की बाध्यता खत्म. फिक्स्ड टर्म स्टाफ को भी स्थायी श्रमिकों की तरह सारी सुविधाएं मिलेंगी. एक साल के कांट्रैक्ट पर काम करनेवाले कर्मचारी को ग्रेच्युटी जैसी सुविधा.

ये सुधार परिश्रमी मजदूरों का हित सुनिश्चित करेंगे और आर्थिक विकास को मजबूती देंगे. इससे लाल फीताशाही और इंस्पेक्टर राज खत्म होगा. यह न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन का उदाहरण है.

-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

Post by : Pritish Sahay

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