Bullet Train Project: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए शिलफाटा और घनसोली के बीच 4.88 किलोमीटर लंबी सुरंग की खुदाई का कार्य रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में शनिवार सुबह पूरा हो गया. वैष्णव ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया.
बुलेट ट्रेन का किराया उचित होगा : रेल मंत्री
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, सूरत-बिलिमोरा खंड पर हाई-स्पीड कॉरिडोर का पहला चरण दिसंबर 2027 में शुरू हो जाएगा. मुंबई के पास घनसोली में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन मध्यम वर्ग के लिए परिवहन का साधन होगी और किराया उचित होगा. रेल मंत्री ने कहा कि ‘गूगल मैप’ ऐप मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा का समय नौ घंटे दिखाता है, लेकिन बुलेट ट्रेन से लोग यह दूरी दो घंटे सात मिनट में तय कर सकेंगे.
व्यस्त समय में हर 10 मिनट में एक ट्रेन चलेगी : रेल मंत्री
वैष्णव ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना का पहला चरण 2027 में सूरत-बिलिमोरा खंड पर शुरू किया जाएगा. यह 2028 में ठाणे और 2029 में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स तक हो जाएगा. उन्होंने कहा, “ट्रेनों के परिचालन की इस तरह से योजना बनाई गई है कि सुबह और शाम के व्यस्त समय में हर आधे घंटे में एक ट्रेन रवाना होगी. पूरा नेटवर्क व्यवस्थित हो जाने पर, व्यस्त समय में हर 10 मिनट में एक ट्रेन उपलब्ध होगी.”
यात्री स्टेशन पर ले सकेंगे टिकट
मंत्री ने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा के लिए टिकट आरक्षित कराने की आवश्यकता नहीं होगी और यात्री स्टेशन पर टिकट ले सकेंगे. सुरंग के एक छोर पर खड़े होकर, वैष्णव ने बटन दबाया और नियंत्रित डायनामाइट विस्फोट से इसकी अंतिम परत को तोड़ दिया, जिससे पांच किलोमीटर तक की खुदाई पूरी हो गई.
भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की लंबाई 508 KM
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने कहा कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड (एनएटीएम) का उपयोग करके खोदी गई यह सुरंग, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) और शिलपाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबे भूमिगत खंड का हिस्सा है. इसमें ठाणे क्रीक के नीचे 7 किलोमीटर का खंड भी शामिल है. मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (508 किमी) भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना है.

