38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

केरल में भाजपा का एकमात्र विधायक, वो भी निकला बागी, कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव का किया समर्थन

BJP, MLA, Kerala, Farmers laws केरल में गुरुवार को एक अप्रत्याशित घटना घटी. केरल विधानसभा में भाजपा के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल ने भगवा पार्टी को असहज करते हुए सदन में उस प्रस्ताव का समर्थन किया जिसमें विवादित केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग गई है.

केरल में गुरुवार को एक अप्रत्याशित घटना घटी. केरल विधानसभा में भाजपा के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल ने भगवा पार्टी को असहज करते हुए सदन में उस प्रस्ताव का समर्थन किया जिसमें विवादित केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग गई है.

हालांकि कुछ घंटों बाद बाद विधायक ने अपने रुख को बदलते हुए एक बयान में सदन में प्रस्ताव के विरोध की बात कही. इन तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले एक माह से दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

केरल विधानसभा के विशेष सत्र में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने प्रस्ताव रखा जिसे सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ), विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) और भाजपा के समर्थन से सर्वसम्मति से पारित किया गया. सत्र के बाद राजगोपाल ने पत्रकारों से कहा, प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया.

मैंने कुछ बिंदुओ (प्रस्ताव में) के संबंध में अपनी राय रखी, इसको लेकर विचारों में अंतर था जिसे मैंने सदन में रेखांकित किया. उन्होंन कहा, मैंने प्रस्ताव का पूरी तरह से समर्थन किया. जब राजगोपाल का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया गया कि प्रस्ताव में तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई है, तब भी उन्होंने प्रस्ताव का समर्थन करने की बात कही.

राजगोपाल ने कहा, मैंने प्रस्ताव का समर्थन किया और केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह सदन की आम राय से सहमत हैं. राजगोपाल ने कहा कि यह लोकतांत्रिक भावना है. जब राजगोपाल से कहा गया कि वह पार्टी के रुख के खिलाफ जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रणाली है और हमें सर्वसम्मति के अनुरूप चलने की जरूरत है.

हालांकि, बाद में अपने रुख को बदलते हुए राजगोपाल ने बयान में कहा कि उन्होंने सदन में प्रस्ताव का मजबूती से विरोध किया. उन्होंने कहा, सदन में मैंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. मैंने न तो केंद्रीय कानूनों का विरोध किया और न ही केंद्र सरकार के खिलाफ गया. इन कानूनों से किसानों को बहुत फायदा होगा.

जब एलडीएफ और यूडीएफ सदस्यों ने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री किसानों के साथ चर्चा नहीं कर रहे हैं. इसपर राजगोपाल ने कहा कि उन्होंने रेखांकित किया कि किसान संगठन ऐसी किसी भी चर्चा से पहले कठोरतापूर्वक कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, विशेष सत्र के दौरान सदन में राजगोपाल ने चर्चा के दौरान कहा था कि नये कानून किसानों के हितों की रक्षा करेंगे और बिचौलियों से बचा जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि जो इन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं वे किसानों के खिलाफ खड़े हैं. राजगोपाल ने कहा कि नये कानून से किसानों की आया दोगुनी होगी. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनके केंद्रीय कानून के खिलाफ होने की खबर ‘आधारहीन’ है. उन्होंने प्रस्ताव का विरोध करने वाले और समर्थन करने वालों से स्पष्ट रूप से अलग-अलग नहीं पूछने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने थोडुपुझाथाट में पत्रकारों से बातचीत में यूडीएफ सरकार के प्रस्ताव की निंदा की और उसे बेतुका करार दिया। राजगोपाल के रुख पर सुरेंद्रन ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और उनसे बात करेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र के कानून पर भाजपा में दो राय नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें