11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भारत के इस राज्य में टोटल फर्टिलिटी रेट है सबसे ज्यादा, क्या हैं इसके मायने

Total Fertility Rate: झारखंड के साथ ही बनने वाले छत्तीसगढ़ राज्य में यह दर 2.5 पर स्थिर रही, जबकि हरियाणा में 0.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी.

रांची: भारत में टोटल फर्टिलिटी रेट (Total Fertility Rate) के मामले में बिहार सबसे आगे है. जनसंख्या नियंत्रण के तमाम प्रयासों के बावजूद यहां फर्टिलिटी रेट (TFR) में कमी नहीं आयी है. उल्टे इस मामले में बिहार अन्य राज्यों से आगे निकल गया. विश्व बैंक और नीति आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट ‘हेल्दी स्टेट्स, प्रोग्रेसिव इंडिया’ में यह बात कही है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार में वर्ष 2015 में फर्टिलिटी रेट 3.2 थी, जो वर्ष 2016 में बढ़कर 3.3 हो गयी. दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है. यहां की फर्टिलिटी रेट 3.1 है, जबकि मध्यप्रदेश में 2.8, राजस्थान में 2.7. उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान में यह आंकड़ा स्थिर है. वहीं, झारखंड ने अपने यहां स्थिति में सुधार किया है. वर्ष 2015 में यहां टोटल फर्टिलिटी रेट 2.7 थी, जो वर्ष 2016 में 2.6 रह गयी.

झारखंड के साथ ही बनने वाले छत्तीसगढ़ राज्य में यह दर 2.5 पर स्थिर रही, जबकि हरियाणा में 0.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी. इस प्रदेश में वर्ष 2015 में प्रजनन दर 2.2 थी, जो 2016 में बढ़कर 2.3 हो गयी. असम में 2.3, गुजरात में 2.2 एवं ओड़िशा में यह दर 2.0 पर स्थिर रही, जबकि उत्तराखंड में थोड़ा सुधार देखने को मिला. यहां वर्ष 2015 में 1.9 फर्टिलिटी रेट थी, जो 2016 में घटकर 1.8 रह गयी.

Also Read: कोरोना महामारी के बीच 925 स्वस्थ शिशुओं का हुआ जन्म, दो संक्रमित महिलाओं ने भी दिया स्वस्थ शिशु को जन्म

कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल (सभी राज्यों की फर्टिलिटी रेट 1.8) एवं हिमाचल प्रदेश (1.7) में भी फर्टिलिटी रेट में कोई बदलाव नहीं आया. जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में फर्टिलिटी रेट में 0.1 फीसदी की वृद्धि आयी. 2015 में यहां फर्टिलिटी रेट 1.6 थी, जो 2016 में 1.7 हो गयी.

आंध्रप्रदेश में प्रजनन दर 1.7 पर स्थिर रही, जबकि तेलंगाना में 2015 की तुलना में 0.1 फीसदी की कमी दर्ज की गयी. यहां का वर्तमान फर्टिलिटी रेट 1.7 है. पंजाब में भी यह दर 1.7 पर स्थिर है. 1.6 फर्टिलिटी रेट के साथ पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु अंतिम पायदान पर हैं.

क्या है फर्टिलिटी रेट

फर्टिलिटी रेट किसी महिला के गर्भधारण करने की क्षमता को कहते हैं. अर्थात् एक महिला 15 साल से 49 साल की उम्र के बीच कितनी बार मां बन सकती है. विकासशील देशों में जहां फर्टिलिटी रेट ज्यादा होती है, वहां गरीबी और भुखमरी के अलावा महिला शिक्षा का अभाव होता है. महिलाओं से भेदभाव किया जाता है, श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी कम होती है. इतना ही नहीं, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में भी इनकी भूमिका नगण्य होती है. फलस्वरूप ऐसे राज्य जहां फर्टिलिटी रेट ज्यादा है, उनका विकास अपेक्षाकृत कम होता है.

दुनिया के इन देशों में फर्टिलिटी रेट सबसे ज्यादा

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों को देखेंगे, तो पायेंगे कि पिछड़े देशों में शिशु जन्म दर भारत की तुलना में बहुत ज्यादा है. ऐसे ही कुछ देशों की सूची यहां देखें…

  • आर्मेनिया में 7.36

  • अरूबा में 7.09

  • टिमोर में 6.95

  • यूगांडा में 6.80

  • ऑस्ट्रिया में 6.80

  • अजरबेजान में 6.67

  • बहामास में 6.67

  • सोमालिया में 6.67

  • बहरीन में 6.61

  • बांग्लादेश में 6.30

  • जांबिया में 6.17

  • तंजानिया में 5.67

Posted By: Mithilesh Jha

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel