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असम सरकार का पुलिसवालों को फरमान : नवंबर तक कम कर लो मोटाई, वर्ना…

असम के पुलिस महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) और असम पुलिस सेवा (एपीएस) के अधिकारियों सहित सभी कर्मियों को 15 अगस्त तक तीन महीने का समय देने और उसके बाद बीएमआई दर्ज करने का फैसला किया गया है. इसके बाद अनफिट होने पर पुलिसकर्मियों को वीआरएस लेना होगा.

गुवाहाटी : असम सरकार ने राज्य के पुलिस कर्मचारियों को एक नया फरमान जारी किया है. खबर है कि हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने असम पुलिस में अनफिट और मोटे पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई करने की योजना बना चुकी है. सरकार ने पुलिसकर्मियों से कहा है कि नवंबर महीने तक अपनी मोटाई कम कर लो, अन्यथा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) लेकर घर बैठ जाओ. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने मंगलवार को बताया कि पुलिस के मोटे कर्मचारियों को इस साल नवंबर तक अपना वजन कम नहीं करते हैं, तो ऐसे सभी पुलिसकर्मियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश की जाएगी.

हिमंता बिस्वा सरमा के निर्देश पर फैसला

पुलिस महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के निर्देश पर यह फैसला किया गया है. हिमंत बिस्व सरमा के फैसले को लेकर असम के पुलिस महानिदेशक ने ट्वीट कर लिखा है कि असम पुलिस मुख्यालय ने आईपीएस और एपीएसअधिकारियों सहित असम पुलिस के सभी कर्मियों के ‘बॉडी मास इंडेक्स’ (बीएमआई) को पेशेवर तरीके से दर्ज करने का फैसला लिया गया है.

मोटाई कम करने के लिए तीन महीने की मोहलत

असम के पुलिस महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) और असम पुलिस सेवा (एपीएस) के अधिकारियों सहित सभी कर्मियों को 15 अगस्त तक तीन महीने का समय देने और उसके बाद बीएमआई दर्ज करने का फैसला किया गया है. इसके बाद अनफिट होने पर पुलिसकर्मियों को वीआरएस लेना होगा. डीजीपी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वो 16 अगस्त को अपना BMI दर्ज कराने वाले सबसे पहले पुलिसकर्मी होंगे. उन्होंने 8 मई को बताया था कि असम पुलिस ने करीब 680 ऐसे कर्मियों की सूची तैयार की है, जो आदतन शराब पीने वाले या मोटे हैं. उन्होंने कहा कि मल्टीलेवल समीक्षा के बाद, ड्यूटी के लिए अनुपयुक्त लोगों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश की जाएगी.

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शराब पीने वाले पुलिसकर्मियों पर भी सख्त कार्रवाई

इससे पहले, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने आठ मई को कहा था कि असम पुलिस ने करीब 680 ऐसे कर्मियों की सूची तैयार की है, जो आदतन शराब पीने वाले या मोटे हैं. उन्होंने कहा कि बहुस्तरीय समीक्षा के बाद ड्यूटी के लिए अनुपयुक्त लोगों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश की जाएगी. मुख्यमंत्री ने अप्रैल में कहा था कि शराब की समस्या के कारण असम पुलिस के करीब 300 कर्मियों को सेवानिवृत्ति दी जाएगी.

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