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अमृतपाल सिंह कौन है? भिंडरावाले के इस वारिस के एक इशारे पर तलवार-बंदूक लेकर सड़कों पर उतर आए थे हजारों समर्थक

Amritpal Singh: 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह खालिस्तान की मांग उठाता रहा है और अजनाला कांड के बाद से ही पंजाब पुलिस उसकी तलाश में जुट गई थी.

Amritpal Singh: ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के सहयोगियों को पंजाब पुलिस ने हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. अमृतपाल सिंह खालिस्तान की मांग उठाता रहा है और अजनाला कांड के बाद से ही पंजाब पुलिस उसकी तलाश में जुट गई थी.

कौन है अमृतपाल सिंह?

अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा गांव का निवासी अमृतपाल सिंह 2012 में काम के सिलसिले में दुबई गया था और हाल ही में वहां से भारत लौटा है. उसने 12वीं तक पढ़ाई की है. हालांकि, उसने खालिस्तान, भिंडरावाले और इससे जुड़ा तमाम ज्ञान उसने इंटरनेट की बदौलत हासिल किया. वह दुबई में रहकर ट्रांसपोर्ट का बिजनस कर रहा था. वहीं, भारत लौटकर अब वह खालिस्तानी समर्थक दीप सिद्धू के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख है. बताते चलें कि दीप सिद्धू की हाल ही में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी. किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के लिए भी पंजाबी अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया गया था. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खालिस्तानी आंदोलन चलाने वाले जरनैल सिंह भिंडरावाले के समर्थक हैं. स्वयंभू खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह एक अलग सिख राज्य की मांग करने के साथ ही भड़काऊ बयान भी देते हैं.

अमृतपाल को लेकर होती रही हैं ऐसी चर्चाएं

अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब में अलग-अलग तरह की बातें चल रही हैं. कुछ लोगों का दावा है कि किसी शातिर खालिस्तानी ने ही अमृतपाल सिंह को ट्रेनिंग दी है, तो किसी का कहना है कि अमृतपाल सिंह के पीछे आईएसआई या किसी दूसरे सीमापार संगठन का हाथ है. वहीं, एक चर्चा यह भी है कि क्या अमृतपाल सिंह को आने वाले चुनावों में इस्तेमाल करने के लिए लाया गया है?

भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करता है अमृतपाल

अमृतपाल सिंह खुद को खालिस्तानी आतंकी जनरैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करता है. संगठन के मुखिया की ताजपोशी पर अमृतपाल सिंह ने कहा था, भिंडरावाले मेरी प्रेरणा हैं. मैं उनके बताए रास्ते पर चलूंगा. मैं उनके जैसा बनना चाहता हूं, क्योंकि ऐसा हर एक सिख चाहता है लेकिन मैं उनकी नकल नहीं उतार रहा. मैं उनके पैरों की धूल के बराबर भी नहीं हूं. उसने आगे कहा, मैं पंथ की आजादी चाहता हूं. मेरे खून का हरेक कतरा इसके लिए समर्पित है. बीते समय में हमारी जंग इसी गांव से शुरू हुई थी. भविष्य की जंग भी इसी गांव से शुरू होगी. हम सभी अब भी गुलाम हैं. हमें अपनी आजादी के लिए लड़ना होगा. हमारा पानी लूटा जा रहा है. हमारे गुरु का अपमान किया जा रहा है. पंथ वास्ते जान देने के लिए पंजाब के हरेक युवा को तैयार रहना चाहिए.

अमित शाह को परोक्ष रूप से दी थी धमकी

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतपाल सिंह ने हाल ही में अपने समर्थकों पर हुई छापेमारी को लेकर केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा था, मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि अगर वे मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं तो मुझे जगह बताएं. सरकार कह रही है कि वे मुझे ढूंढ रहे हैं. दूसरी तरफ वे जानते हैं कि मैं कहां था. फिर वे झूठ क्यों बोल रहे हैं कि छापेमारी कर रहे हैं. वहीं, हाल ही में अमृतपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को परोक्ष रूप से धमकी दी थी. 19 फरवरी को पंजाब के मोगा जिले के बुद्ध सिंह वाला गांव में अमृतपाल ने संकेत दिया कि अगर गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी आवाज को चुप कराने की कोशिश की, तो उनका हश्र इंदिरा गांधी के समान होगा. कहा था कि इंदिरा ने दबाने की कोशिश की, क्या हुआ? अब अमित शाह को उनकी इच्छा पूरी होती दिख रही है.

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