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एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का किया था विरोध

एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया था. साथ ही उन्होंने मोदी सरकार का समर्थन किया था. उन्होंने अपने इस्तीफे में खुलासा किया कि उनपर ट्वीट हटाने के लिए दबाव डाला जा रहा था.

गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर देशभर में हंगामा जारी है. दिल्ली जेएनयू में इसी मामले को लेकर छात्रों के बीच भारी बवाल हुआ, तो दूसरी ओर डॉक्यूमेंट्री के विरोध में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा, मैं पूरे जीवन कांग्रेस से जुड़ा रहा और मेरे पिता पिछले 6 दशकों से पार्टी के साथ हैं. ऐसे पृष्ठभूमि से आने के बाद भी पिछले 24 घंटों में जो कुछ हुआ, खासकर कांग्रेस के कुछ विशेष कोनों से, उसने मुझे बहुत आहत किया है. मुझे लगता है कि ये एक सही निर्णय है.

एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का किया था विरोध

एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया था. साथ ही उन्होंने मोदी सरकार का समर्थन किया था. उन्होंने अपने इस्तीफे में खुलासा किया कि उनपर ट्वीट हटाने के लिए दबाव डाला जा रहा था. उन्होंने लिखा, मुझपर ट्वीट को वापस लेने का दबाव बनाया गया. अनिल एंटनी ने कहा था कि भारतीय संस्थानों के मुकाबले ब्रिटिश प्रसारक के विचार को महत्व देने से देश की संप्रभुता प्रभावित होगी.

अनिल एंटनी ने भाजपा के समर्थन और बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का विरोध करते हुए किया था ऐसा ट्वीट

पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल ने केरल में जारी राजनीतिक तूफान में स्पष्ट रूप से भाजपा का समर्थन करते हुए कहा कि ब्रिटिश प्रसारक बीबीसी के विचारों को भारतीय संस्थानों पर तरजीह देना, देश की संप्रभुता को कमजोर करेगा. उन्होंने ट्वीट किया था और लिखा था. भाजपा के साथ बड़े मतभेदों के बावजूद मुझे लगता है कि (भारत में) वे उस बीबीसी के विचारों को थोप रहे हैं जिस सरकार प्रायोजित चैनल का (कथित भारत विरोधी) पूर्वाग्रहों का लंबा इतिहास रहा है, वे इराक युद्ध के पीछे का दिमाग रहे जैक स्ट्रॉ का समर्थन कर (भारतीय) संस्थानों पर एक खतरनाक मिसाल कायम कर रहे हैं, हमारी संप्रभुता को कमजोर कर रहे हैं. स्ट्रॉ 2002 में तत्कालीन ब्रिटिश विदेश मंत्री थे.

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