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‘भारत में कोरोना के टीके की दोनों खुराक लेने के बावजूद मास्क और सामाजिक दूरी बेहद जरूरी’

गुलेरिया का यह बयान तब सामने आया है, जब गुरुवार को अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रीवेंशन (सीडीएस) ने वहां के उन लोगों को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है, जिन लोगों ने कोरोना के टीके की दोनों खुराक लगवा ली है. हालांकि, भारत में सरकारी अधिकारियों और चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी में इस तरह की घोषणा करना थोड़ी जल्दबाजी होगी.

नई दिल्ली : दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुविज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत में कोरोना वायरस के टीके की दोनों खुराक लेने यानी फुली वैक्सीनेट होने के बावजूद चेहरे पर मास्क लगाना और सामाजिक दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि वायरस लगातार म्यूटेंट हो रहा है और इस बात की अनिश्चितता बरकरार है कि वायरस का लगातार बदलते स्वरूप में टीके कितने असरदार साबित होते हैं.

गुलेरिया का यह बयान तब सामने आया है, जब गुरुवार को अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रीवेंशन (सीडीएस) ने वहां के उन लोगों को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है, जिन लोगों ने कोरोना के टीके की दोनों खुराक लगवा ली है. हालांकि, भारत में सरकारी अधिकारियों और चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी में इस तरह की घोषणा करना थोड़ी जल्दबाजी होगी.

एम्स के निदेशक गुलेरिया ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अभी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और कम से कम तब तक जब तक कि हमारे पास कोरोना का टीका आबादी के अधिकांश लोगों को लगा नहीं दिया जाता.’ गौर करने वाली बात यह है कि वायरस बहुत ही घातक और चालाक है. यह हमेशा म्यूटेशन करते रहता है. ऐसी स्थिति में हम यह नहीं कह सकते कि कोरोना के बदलते स्वरूप में टीका कितना कारगर साबित होगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल, मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखने में ही भलाई है. इसी में सबकी सुरक्षा निहित है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, फिलहाल भारत में कोरोना से संबंधित एडवाइजरी की समीक्षा करने की कोई योजना नहीं है. मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि महामारी के ऐसे स्तर पर हम जोखिम उठाने की स्थित में नहीं है. यह बात दीगर है कि संक्रमण की संख्या में कमी आई है, लेकिन फिलहाल मास्क लगाने की अनिवार्यता को समाप्त नहीं किया जा सकता.

उधर, चिकित्सा विशेषज्ञों की राय है कि मास्क और सामाजिक दूरी की अनिवार्यता को समाप्त करने की सलाह सीडीसी की ओर दिए जाने के पीछे का मकसद अमेरिका में टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देना हो सकता है. वहां भी ज्यादातर लोग टीका लगवाने में हिचकिचा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर सीडीएस के इस कदम को वहां पर आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने की सरकार की मंशा से भी जोड़ा जा रहा है.

बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी से पहले वाली जिंदगी की ओर लौटने का बड़ा संकेत देते हुए रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने कहा है कि जिन लोगों ने टीके की दोनों खुराक ले ली है उन्हें मास्क पहनने की जरूरत नहीं है. सीडीसी ने कहा कि घरों से बाहर जाने और अंदर रहने दोनों के लिए यह सिफारिश की जाती है.

सीडीसी द्वारा गुरुवार को यह घोषणा करने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में पत्रकारों के सामने बिना मास्क पहने पहुंचे. बाइडन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह बड़ी कामयाबी है. बहुत बड़ा दिन है. अधिक से अधिक अमेरिकियों को जल्द से जल्द टीके लगाने में हमारी असाधारण सफलता से यह संभव हुआ है.’

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Posted by : Vishwat Sen

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