नयी दिल्ली : ''रेलवे अब हमारी निजी संपत्ति है'', ''रेलवे सरकारी था- प्लेटफॉम टिकट पांच रुपये और रेलवे प्राइवेट हुआ- प्लेटफॉर्म टिकट 50 रुपये हुआ''. यह सोशल मीडिया में वायरल हो रहे मैसेज में यह दावा किया जा रहा है. क्या है सच्चाई, आइए जानते हैं.
वायरल हो रहे मैसेज में पुणे जंक्शन का एक प्लेटफॉर्म टिकट शेयर किया गया है. इस टिकट पर लिखा है- ''रेलवे अब हमारी निजी संपत्ति है.'' वहीं, एक और यूजर ने इस तस्वीर के साथ प्लेटफॉर्म टिकट की तस्वीर साझा करते हुए कहा है कि ''रेलवे सरकारी था- प्लेटफॉम टिकट पांच रुपये और रेलवे प्राइवेट हुआ- प्लेटफॉर्म टिकट 50 रुपये हुआ.''
सोशल मीडिया में वायरल तस्वीर के साथ यूजर ने रेलवे मंत्री से पूछा है कि ''केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल जी यह सच है?? पुणे रेलवे जंक्शन पर अदानी द्वारा प्लेटफार्म टिकट जारी किया जा रहा है.''
वायरल टिकट में सबसे ऊपर लिखा है ''अडाणी रेलवे'', उसके नीचे रेलवे अब हमारी निजी संपत्ति है.'' छह अगस्त, 2020 को शाम 19:41:20 बजे का दिखाया गया है. साथ ही प्लेटफॉर्म टिकट दो घंटे के लिए जारी किया गया है. एक व्यक्ति के लिए मूल्य 50 रुपये अंकित है. साथ ही टिकट का एक नंबर भी दिया गया है.
सवाल उठता है कि क्या रेलवे को निजी हाथों में सौंप दिया गया है. क्या अडानी ने रेलवे को वाकई खरीद लिया है. क्या प्लेटफॉर्म टिकट 50 रुपये का हो गया है? क्या यह टिकट रेलवे की ओर से दिया जा रहा है?
वायरल हो रही तस्वीर में रेलवे को अडाणी की निजी संपत्ति बताने का दावा पूरी तरह से गलत है. टिकट को मॉर्फ्ड किया गया है. इसे तस्वीर को एडिट कर सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है. वायरल तस्वीर में नीचे दाहिनी ओर अंगरेजी में पुणे 18 आशीष लिखा हुआ है.
हालांकि, पुणे जंक्शन पर प्लेटफॉर्म टिकट 50 रुपये का है. यह दावा सही है. कोरोना संकट के दौरान प्लेटफॉर्म पर भीड़ पर रोक लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट को महंगा किया गया था.
मालूम हो कि इससे पहले दिसंबर माह में ही बॉलीवुड अभिनेत्री नगमा ने ट्वीट कर कहा था कि ''अडाणी की रेल तैयार हो रही है.'' साथ ही उन्होंने भी एक अडाणी का स्टीकर लगा वीडियो क्लिप अपने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर साझा किया था.
वह खबर भी गलत निकली थी. एक फरवरी, 2020 को वेस्टर्न रेलवे ने फेसबुक अकाउंट पर इसे साझा किया था. दरअसल, वडोदरा में पश्चिमी रेलवे ने किराये के अतिरिक्त कमाई के लिए सरकारी योजना के तहत दस ट्रेनों में विज्ञापन का टेंडर जारी किया था. टेंडर अडाणी समूह को मिला था. उससमय फरवरी में समूह की कंपनी ‘अडाणी विलमार’ के फॉर्चून आटे का विज्ञापन वडोदरा की ट्रेन पर लगाया गया था.