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AAP: उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर लंबित कैग रिपोर्ट पेश करने को कहा

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर कैग की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने को कहा है. पत्र में कहा गया है सत्ता पर काबिज सरकार की जवाबदेही तय करने के लिए कैग रिपोर्ट को सदन के पटल पर पेश करना सरकार का संवैधानिक दायित्व है.

AAP:दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. चुनाव फरवरी में होंगे और चुनाव से पहले दिल्ली विधानसभा का आखिरी सत्र शुरू हो चुका है. दिल्ली सरकार पर कैग रिपोर्ट पेश नहीं करने का आरोप भाजपा और कांग्रेस लगाती रही है. विधानसभा सत्र के एजेंडे में कैग रिपोर्ट का जिक्र नहीं है. इससे साफ जाहिर होता है कि दिल्ली सरकार कैग रिपोर्ट सदन के पटल पर पेश नहीं करेगी. इस बीच शुक्रवार को 

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर कैग की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने को कहा है. पत्र में कहा गया है सत्ता पर काबिज सरकार की जवाबदेही तय करने के लिए कैग रिपोर्ट को सदन के पटल पर पेश करना सरकार का संवैधानिक दायित्व है. संविधान के अनुच्छेद 151, एनसीटी और दिल्ली एक्ट 1991 की धारा 48 और रेगुलेशन ऑन ऑडिट एंड अकाउंट 2007 के नियम के तहत कैग रिपोर्ट सदन के पटल पर पेश करना जरूरी है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि दिल्ली सरकार लगातार कैग रिपोर्ट पेश करने से बच रही है. पत्र में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष भी इस मुद्दे को कई बार उठाया गया. लेकिन वे संवैधानिक नियमों की लगातार अनदेखी करते रहे. कैग के दफ्तर से उपराज्यपाल कार्यालय को कैग रिपोर्ट पेश करने के लिए कई बार पत्र आया है. मुख्यमंत्री आतिशी को लिखे पत्र में उपराज्यपाल ने कहा है कि कैग रिपोर्ट लगातार पेश करने के लिए लिखता रहा. लेकिन एक सरकार जो पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दे पर सत्ता में आई थी, वह जानबूझकर खर्च की सार्वजनिक जांच से बच रही है. 


कई विभाग से संबंधित कैग रिपोर्ट है लंबित

उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि दिल्ली सरकार  के अलग-अलग विभागों के कुल 12 कैग रिपोर्ट पेश नहीं किया गया है. इसमें वित्त, प्रदूषण, दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति, सार्वजनिक उपक्रमों और सामाजिक और सामान्य क्षेत्रों से संबंधित विभागों के खातों और शेल्टर होम से संबंधित लगभग 12 कैग रिपोर्ट मुख्यमंत्री आतिशी के पास लंबित है. कई कैग रिपोर्ट वर्ष 2022 से लंबित है.  उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि वर्ष 2017-18 से 2021-22 के दौरान दिल्ली में शराब की खरीद-बिक्री से संबंधित ऑडिट पर कैग की रिपोर्ट चार मार्च 2024 को दिल्ली सरकार को भेजी गयी थी लेकिन यह अभी तक आतिशी के पास लंबित है.

उस दौरान आतिशी वित्त मंत्री के पद पर काबिज थी. गौरतलब है कि दिल्ली की आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद दिल्ली सरकार ने इसे वापस ले लिया था. इस मामले में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसाेदिया को जेल भी जाना पड़ा था. लंबित रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा के समक्ष रखने के मामले में दिल्ली सरकार द्वारा इस तरह की चूक उनके संवैधानिक दायित्वों की घोर उपेक्षा है.

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