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कश्मीर में सरकार के सख्त कदम से बौखलाये आतंकी, खीझ में दे रहे बीएसएफ परीक्षा के टॉपर को धमकी

नयी दिल्ली : कई बरस से आतंकवाद की आग से झुलस रहे जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की ओर से जब सख्त कदम उठाये जा रहे हैं, तो वहां के अलगाववादी नेताओं और आतंकवादियों की बौखलाहट साफ नजर आ रही है. इस बौखलाहट में वहां पर सक्रिय आतंकवादी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की परीक्षा में अव्वल […]

नयी दिल्ली : कई बरस से आतंकवाद की आग से झुलस रहे जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की ओर से जब सख्त कदम उठाये जा रहे हैं, तो वहां के अलगाववादी नेताओं और आतंकवादियों की बौखलाहट साफ नजर आ रही है. इस बौखलाहट में वहां पर सक्रिय आतंकवादी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की परीक्षा में अव्वल आने वाले जवान को धमकी दे रहे हैं. कश्मीर घाटी में लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या के बाद जम्मू से असिस्टेंट कमांडेंट नबील अहमद वानी ने सरकार को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि आतंकवादी उन्हें और उनकी बहन को धमकी दे रहे हैं. असिस्टेंट कमांडेंट वानी पिछले साल बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा में अव्वल आये थे. वानी ने कहा कि चंडीगढ़ में सिविल इंजीनियरिंग की छात्रा उनकी बहन एक होस्टल में रह रही थी, लेकिन कॉलेज प्रशासन अब चाहता है कि वह कहीं और चली जाएं.

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वानी ने 14 मई को महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को पत्र लिखकर निदा रफीक के लिए होस्टल सुविधा की व्यवस्था कराने के लिए कहा है. वानी ने ग्वालियर के नजदीक टेकनपुर में बीएसएफ प्रशिक्षण अकादमी से कहा कि वह चिंतित है कि उसे एक कश्मीरी होने और खासतौर से मेरी पृष्ठभूमि के कारण रहने की जगह नहीं मिलेगी. मैं निजी मामले में बीएसएफ को शामिल नहीं करना चाहता. इसलिए मैंने मंत्री को पत्र लिखा.

वानी ने कहा कि उन्होंने बीएसएफ में अपने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि जवानों को छुट्टी पर जाने के समय अपने हथियार साथ ले जाने की अनुमति दी जाये. खासतौर पर आतंकवाद प्रभावित इलाकों में रहने वालों के लिए यह अनुमति जरूरी है. उन्होंने कहा कि वह अगले दो महीने में अपने रिश्तेदार की शादी के लिए घर जायेंगे.

वानी ने कहा कि मेरे और मेरे परिवार के सदस्यों जैसे लोगों को हमेशा आतंकवादियों से धमकी मिलती रहती है. लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या के बाद मैं अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं. मेरी मां जम्मू में अकेली रहती है, जबकि मेरी बहन चंडीगढ़ में है. मैं अब चिंतित हूं, क्योंकि आतंकवादी हमारे परिवारों को निशाना बना रहे हैं.

वानी ने मेनका को 14 मई को पत्र लिखा था और उन्हें अगले दिन ही जवाब मिला था. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्री ने इस मामले को लेकर तुरंत कॉलेज प्रशासन से बात की, जिन्होंने अब नबील की बहन को होस्टल में रहने की अनुमति दे दी है.

वानी ने कहा कि मैं अब उन सभी कश्मीरियों के लिए चिंतित हूं, जो सेना या अर्द्धसैन्य बलों में सेवारत हैं. हम (कश्मीरी) काफी विरोध के बावजूद सेना में शामिल हुए और अब कश्मीरी जवानों को मारने का चलन हमारे ऊपर तलवार लटकना है. यह काफी चिंताजनक है. वानी ने अपनी बहन के बारे में कहा कि वह अब सुरक्षित है. उसके लिए दुआ कीजिए, वह जम्मू-कश्मीर से भारतीय सेना में शामिल होने वाली पहली महिला बनना चाहती है.

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