जयपुर : राजस्थान के एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू पिछले तीन दिनों से धधक रहा है. अरावली की पहाड़ियों पर लगी आग को बुझाने के लिए भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर शनिवार से मशक्कत कर रहे हैं, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका है.
शुक्रवार को माउंट आबू मुख्य मार्ग पर आग ने अपना तांडव दिखाया और देखते ही देखते सैकड़ों हेक्टेयर भूमि को आग ने अपने कब्जे में ले लिया. शनिवार को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों, अग्निशमन दल और अर्धसैनिक बल के जवानों ने आग पर काबू पाया, लेकिन रात को ही आग ने फिर से विकराल रूप धारण कर लिया. रविवार की सुबह हेलीकॉप्टरों ने छीपाबेरी के आसपास के कुछ हिस्सों में लगी आग पर काबू पाने के लिए पानी का छिड़काव अभियान शुरू किया, जो देर रात चलता रहा.
सिरोही के एसपी संदीप सिंह ने बताया कि आग अब काफी हद तक नियंत्रण में है. शनिवार को सनसेट प्वांइट, अनादरा, हनीमून प्वाइंट, गुरुशिखर पर्वत और नक्की झील के आसपास के क्षेत्रों में आग पर काबू पा लिया गया था, लेकिन जिन स्थानों पर आग पर काबू पा लिया जाता है, वहां से हवा से चिंगारी उड़ कर दूसरे अन्य इलाकों में आग पैदा कर देती है. यह जंगलों में परंपरागत प्रक्रिया होती है.
नक्की झील से पानी निकाल कर रहे छिड़काव
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर एमआइ-17वी5 ने रविवार को आबू पर्वत और आबू रोड के बीच नक्की झील से पानी निकाल कर आग बुझाने का अभियान शुरू किया. दोनों हेलीकॉप्टरो ने 19 चक्करों के जरिये 53 हजार लीटर पानी का छिड़काव किया. 14 अप्रैल से अब तक 100 चक्करों में 2 लाख 60 हजार लीटर पानी का छिड़काव आग प्रभावित हिस्सों में किया जा चुका है.