नयी दिल्ली : भारत और बांग्लादेश ने अपने संबंधों को नयी उर्जा प्रदान करते हुए रक्षा और असैन्य परमाणु सहयोग समेत विभिन्न सामरिक क्षेत्रों में करीब दो दर्जन समझौतों पर हस्ताक्षर किये. इससे पहले दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच ‘सार्थक’ वार्ता हुई.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के साथ विविध विषयों पर व्यापक चर्चा की और दोनों देशों के सामाजिक गठजोड़ को मजबूत बनाने पर विचार किया. प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश में विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने के लिए 4.5 अरब डालर की नयी रियायती ऋण सुविधा की घोषणा की. बांग्लादेश को सैन्य आपूर्ति के लिए 50 करोड़ डालर की अतिरिक्त ऋण सुविधा की घोषणा करते हुए मोदी ने कहा कि यह बांग्लादेश की जरुरतों के अनुरुप होगा.
हालांकि, तीस्ता जल बंटवारे के मुद्दे पर बहुप्रतीक्षित समझौते को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका. प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीकार किया कि भारत..बांग्लादेश संबंधों के लिए तीस्ता जल बंटवारे का मुद्दा ‘महत्वपूर्ण’ है और इस बारे में भारत की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि तीस्ता भारत जल बंटवारे के मुद्दे का समाधान निकाला जा सकता है और निकाला जायेगा.
मोदी ने कहा कि भारत..बांग्लादेश विकास गठजोड़ में उर्जा सुरक्षा एक महत्वपूर्ण आयाम है और यह आगे बढ़ रहा है. इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने आज आपसी महत्व के महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा, कारोबार और उर्जा जैसे महत्वपूर्ण सामरिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने की संभावनाओं पर विचार किया.
हैदराबाद हाउस में दोनों नेताओं ने अकेले में बात की और उसके बाद शिष्टमंडल स्तर की वार्ता हुई. हसीना चार दिनों की भारत यात्रा पर कल यहां पहुंची. उनका कल अजमेर जाने का कार्यक्रम है. हसीना सोमवार को भारतीय कारोबारियों के साथ बैठक करेंगी.
2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद हसीना की यह पहली भारत यात्रा है. उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों पक्ष असैन्य परमाणु सहयोग और रक्षा सहित विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे. यद्यपि तीस्ता जल साझा करने पर कोई समझौता होने की उम्मीद नहीं है. बांग्लादेश को भारत सैन्य आपूर्ति के लिए 50 करोड़ डॉलर के ऋण सुविधा की घोषणा कर सकता है.