चेन्नई : सांड के साथ लड़ाई का खेल जल्लीकट्टू को लेकर पिछले दिनों तमिलनाडु में जोरदार प्रदर्शन हुआ. मामले को लेकर जमकर राजनीति भी हुई और सूबे में हिंसा की वारदात को अंजाम दिया गया. इस हिंसा को लेकर शुक्रवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने कहा कि जल्लीकट्टू के समर्थन में मरीना में एक सप्ताह तक चले प्रदर्शन में अनेक असामाजिक तत्व घुस आए थे जिनका मकसद प्रदर्शन को मूल उद्देश्य से भटकाना था.
विधानसभा में विपक्ष के नेता एम के स्टालिन की ओर से प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के मामले पर स्पष्टिकरण देने की मांग पर पनीरसेल्वम ने कहा कि विभिन्न संगठन और असमाजिक तत्व जल्लीकट्टू प्रदर्शन में घुस आए थे और इनका मकसद प्रदर्शन को मूल उद्देश्य से भटकाने था उन्होंने सोमवार को हुई हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ प्रदर्शनकारी प्रदर्शन को गणतंत्र दिवस तक खींचना चाहते हैं. ये लोग काले झंडे दिखाने और सम्स्या खडी करना चाहते थे.
पनीरसेल्वम ने कहा कि कुछ लोगों ने पृथक तमिलनाडु की मांग वाले नारे भी लगाए. उन्होंने कहा कि इस बात के प्रमाण है कि कुछ लोग ओसामा बिद लादेन की तस्वीरें लिए हुए थे. साथ ही गणतंत्र दिवस का बहिष्कार करने वाले पोस्टर भी उनके पास थे. उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान पुलिस ने जन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कम बल का प्रयोग किया. उन्होंने कहा कि इस हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए और उनके वाहन क्षतिग्रस्त हुए.