नयी दिल्ली/दीसा /बनासकांठा: नोटबंदी मामले को लेकर जहां संसद की कार्यवाही में लगातार व्यवधान जारी है. वहीं सदन के बाहर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शीतयुद्ध चल रहा है. शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें जनसभा में बोलने के लिए मजबूर किया जा रहा है, क्योंकि उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है. उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी विपक्ष पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा है. राहुल ने पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कहा है कि जनता उनकी एकतरफा बातों से ऊब चुकी है और अब उन्हें संसद में आकर सांसदों के सवालों का समाना करना चाहिए.
बोले राहुल गांधी, अगर सरकार मुझे लोकसभा में बोलने दे, तो भूकंप आ जाएगा
क्या कहा पीएम मोदी ने
नोटबंदी को लेकर लोगों को पेश आ रही कठिनाइयों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सचेत किया कि आनेवाले दिन और कठिन हो सकते हैं, लेकिन 50 दिनों के बाद स्थितियां धीरे-धीरे सामान्य हो जायेंगी. इस मसले पर संसद में व्यवधान के लिए विपक्ष की आलोचना की. करीब 32 दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें जनसभा में बोलने के लिए मजबूर किया जा रहा है, क्योंकि उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है. वैसे जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं संसद में देश के सवा सौ करोड़ लोगों की आवाज को प्रस्तुत करने का प्रयास करुंगा. ये बातें पीएम मोदी ने शनिवार को को-ऑपरेटिव डेयरी प्लांट का उद्घाटन करने के दौरान कही. यहां पीएम ने छोटे नोटों की तुलना गरीबों से की. उन्होंने कहा कि बड़े नोटों के बंद होने से छोटे नोटों यानी गरीबों की पूछ बढ़ी है. उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी समेत कुछ विपक्षी नेता नोटबंदी पर संसद में बोलने से भागने का आरोप लगा रहे हैं.
नोटबंदी पर विपक्ष चर्चा में रुचि नहीं दिखा रहा : नरेंद्र मोदी
राहुल गांधी का तीखा प्रहार
राहुल ने कहा कि मोदी को अब एकतरफा संवाद नहीं करना चाहिए. उन्हें जनता के प्रतिनिधियों के सवालों का जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जनता उनकी एकतरफा बातों से ऊब चुकी है और अब उन्हें संसद में आकर सांसदों के सवालों का समाना करना चाहिए. इससे पहले भी राहुल गांधी ने शुक्रवार को पीएम मोदी पर हमला करते हुइए कहा था कि हम पिछले एक महीने से नोटबंदी पर बात करने की कोशिश कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. प्रधानमंत्री पूरे देश में भाषण दे रहे हैं मगर लोकसभा में आने से डरते हैं. इतनी घबराहट क्यों?