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SIMI आतंकी जेलब्रेक कांड : NIA जांच पर पुनर्विचार करेगी MP सरकार, शिवराज बोले आतंकी सालों बिरयानी खाते हैं

भोपाल : सिमी के 8 आतंकियों के भोपाल की सेंट्रल जेल से फरार होने के बाद जहां जेल प्रशासन लगातार सवालों में है वहीं मुठभेड़ में इनके मारे जाने की खबर के बाद से बवाल मचा हुआ है. मध्यप्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आज कहा कि एनआइए जांच पर पुनर्विचार किया जायेगा. फिलहाल भोपाल सेंट्रल […]

भोपाल : सिमी के 8 आतंकियों के भोपाल की सेंट्रल जेल से फरार होने के बाद जहां जेल प्रशासन लगातार सवालों में है वहीं मुठभेड़ में इनके मारे जाने की खबर के बाद से बवाल मचा हुआ है. मध्यप्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आज कहा कि एनआइए जांच पर पुनर्विचार किया जायेगा. फिलहाल भोपाल सेंट्रल जेल ब्रेक कांड की जांच चल रही है और कहा जा रहा है कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है. मध्यप्रदेश सरकार की ओर से एनआइए को जांच के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है और शायद भेजा भी नहीं जाये. उधर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आतंकियों को सजा देने में सालों लग जाते हैं, वे जेलमेचिकन बिरयानी खाते रहते हैं. और, मौका पाकर फिर बाहर निकलें और वारदात करें. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों को सजा देने के लिए फार्स्ट ट्रैक कोर्ट बनाये जा सकते हैं तो आतंकियों को सजा देने के लिए फार्स्ट ट्रैक कोर्ट क्यों नहीं बनाये जा सकते हैं.

इस बीच मुठभेड़ में मारे गए संदिग्ध सिमी आतंकियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ चुकी है जिसके मुताबिक, मारे गए आतंकियों के शरीर पर चोट के कई निशान मिले हैं, जिनमें से ज्यादातर कमर के ऊपर हैं. उनके कपड़े को फरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है.

आपको बता दें कि भोपाल सेंट्रल जेल से भागे सिमी के आठ आतंकियों के मुठभेड़ में मारे जाने की घटना पर हो रहीं आलोचनाओं के बीच पुलिस ने सोमवार को कहा कि यह सही मुठभेड़ थी. वहीं, विपक्ष ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है. मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि सिमी आतंकियों और पुलिस के बीच सोमवार को यहां हुई मुठभेड़ की किसी प्रकार की जांच की कोई आवश्यकता नहीं है.

उधर, राज्य के डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने सीआइडी को इस मुठभेड़ की जांच का आदेश दिया है. आज मध्यप्रदेश सरकार के प्रवक्ता का बयान आने से पहले गृह मंत्री ने अनूपपुर में संवाददाताओं से कहा था, ‘मुख्यमंत्री ने एनआइए को इस बात की जांच करने को कहा है कि जेल से जो कैदी फरार हुए थे, उन्होंने यह सब कैसे प्लान किया, जेल के अंदर और बाहर कौन लोग उनकी मदद कर रहे थे, देश में कहां उनके संपर्क थे और उनका क्या नेटवर्क था. इन सब पहलुओं की जांच एनआइए करेगी. एनआइए पुलिस मुठभेड़ की जांच नहीं करेगी.’

इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मामले के संबंध में मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश सरकार, पुलिस और जेल अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए छह हफ्तों में उनसे विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा. आयोग ने कहा कि उसने हमेशा पुलिस और न्यायिक हिरासत तथा पुलिस कार्रवाई में मौत पर चिंता जतायी है.

बता दें कि सिमी के आठ सदस्य सोमवार तड़के भोपाल सेंट्रल जेल से भागने के कुछ घंटे बाद पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मारे गये थे.

कांग्रेस, बसपा, माकपा और राजद ने सामने आये वीडियो क्लिप समेत कुछ सबूतों के मद्देनजर आधिकारिक बयानों पर आपत्ति जतायी. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मांग की कि मुठभेड़ की जांच कर पता लगाना चाहिए कि यह फर्जी तो नहीं थी. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर कहा कि केंद्र और भाजपा को राज्य सरकार को उसकी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए. हालांकि, आलोचकों को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने आरोप लगाया कि कुछ नेता और कुछ राजनीतिक दल ‘गंदी राजनीति’ कर रहे हैं और देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. मारे गये लोग खूंखार आतंकवादी थे. उन्होंने सभी से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर एक स्वर में बोलने को कहा.

पोस्टमार्टम के बाद सात शव परिजनों को सौंपा

मुठभेड़ में मारे गये आठ सिमी आतंकियों का पोस्टमार्टम मंगलवार को हुआ. इसके बाद सात शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया, जबकि एक आतंकी के शव का पुलिस ने भोपाल में अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस ने सिमी के आतंकी मो. खालिद के परिजन शव लेने नहीं आ पाये. वह महाराष्ट्र के शोलापुर का रहने वाला था.उधर, पुलिस महानिरीक्षक योगेश चौधरी ने कहा कि वे वीडियो या अन्य साक्ष्यों की विश्वसनीयता की जांच करेंगे. हमने इन लोगों से चार पिस्तौल सरीखे हथियार और तीन धारदार हथियार जब्त किये हैं. हमने 315 बोर की दो देसी पिस्तौल और 12 बोर के दो कट्टे भी जब्त किये, जिनसे करीब छह गोलियां चलायी गयीं. पुलिस इस बात की जांच करेगी कि क्या सिमी के लोगों को कोई बाहरी मदद मिली थी.

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