21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

36 महीने के पहले ही भारत के पास होगा रफेल ? उड़ी चीन-पाक की नींद

नयी दिल्ली : भारत के साथ 36 राफेल की बिक्री का करार होने पर आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि डील की तय सीमा 36 महीने है लेकिन हमें तय समय से पहले यह मिल सकता है.उन्होंने कहा, ‘‘सौदे के नियमों के मुताबिक 36 महीने की अवधि दी गई है (जिसमें खेप का […]

नयी दिल्ली : भारत के साथ 36 राफेल की बिक्री का करार होने पर आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि डील की तय सीमा 36 महीने है लेकिन हमें तय समय से पहले यह मिल सकता है.उन्होंने कहा, ‘‘सौदे के नियमों के मुताबिक 36 महीने की अवधि दी गई है (जिसमें खेप का मिलना शुरू होना है), लेकिन यह थोडा पहले आ सकता है. हमने उनसे जल्द से जल्द (इसे देने) का आग्रह किया है.”राफेल नवीनतम मिसाइलों और हथियार प्रणाली से लैस है. इसके अतिरिक्त, इसमें भारत के हिसाब से कई बदलाव किए गए हैं जिससे भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान के खिलाफ व्यापक ‘‘क्षमता” हासिल होगी.

पर्रिकर ने यह भी कहा कि अतिरिक्त व्यय और राजस्व (रखरखाव) व्यय को कम करने पर सेना में ढांचागत बदलाव सुझाने के लिए बनाई गई समिति जल्द अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. लेफ्टिनेंट जनरल :सेवानिवृत्त: डीबी शेकात्कर इस समिति के प्रमुख हैं.आपको बता दें कि भारत फ्रांस से परमाणु क्षमता वाले यह जेट खरीद रहा है जिससे पडोसी मुल्कों (चीन और पाकिस्तान) की नींद उड़ गई है.

पिछले दिनों ही चीनी रक्षा विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि भारत फ्रांस से परमाणु क्षमता वाले 36 राफेल विमान हासिल करके चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर तैनात करने की योजना बना रहा है. इस संबंध में चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक खबर छापी थी जिसकी रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत आने वाले समय में चीन और पाकिस्तान से लगी विवादित सीमा पर इन नए युद्धक विमानों को तैनात कर सकता है.

अखबार के मुताबिक, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया कि भारत दुनिया का सबसे बडा हथियार आयातक है. एशियाई क्षेत्र में हथियारों का ज्यादा आयात मुख्य रुप से इसलिए है क्योंकि पश्चिम एशिया में सुरक्षा माहौल अस्थिर है और चीन के पडोसियों से चिंताएं बढ रही हैं.

इस संबंध में फ्रांसीसी रक्षा कंपनी डेसाल्ट एवियेशन ने कहा है कि उनकी कंपनी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए प्रतिबद्ध है और बडे ऑर्डर के लिए विमान को शार्टलिस्ट किए जाने पर वह भारत में लडाकू विमान का निर्माण करने लिए तैयार है. कंपनी को लगता है कि भारत से ठेका मिलने के साथ परमाणु हथियारों को ढोने की क्षमता रखने वाले विमान के और अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर आएंगे.

आपको बता दें भारत और फ्रांस ने 23 सितंबर को राफेल लडाकू विमानों के लिए 7.87 अरब यूरो (करीब 59000 करोड रुपये) के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं.ये लडाकू विमान नवीनतम मिसाइल और शस्त्र प्रणालियों से लैस हैं और इसमें भारत के हिसाब से परिवर्तन किये गए हैं. ये लडाकू विमान मिलने के बाद भारतीय वायुसेना को अपने धुर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के मुकाबले अधिक ‘‘ताकत’ मिलेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें