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तीनों सेना प्रमुखों के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे CDS जनरल अनिल चौहान ने पूर्व सैनिकों को किया याद

दिल्ली में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर किया माल्यार्पण किया.

Indian Army: दिल्ली में सीडीएस (CDS) जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर किया माल्यार्पण किया. कल यानि 15 जनवरी को 75वां सेना दिवस मनाया जाएगा और बेंगलुरु में परेड होगी.

सेना प्रमुख जनरल ने कहा, पूर्व सैनिकों पर देश का गर्व

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि देश को हमारे पूर्व सैनिकों पर गर्व है. उन्होंने कहा कि हम सूचीबद्ध अस्पतालों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहे हैं और प्रतिपूर्ति के दावे ऑनलाइन कर दिए गए हैं, पॉलीक्लिनिक का बजट बढ़ा दिया गया है. वहीं, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस हमारे पूर्व सैनिकों द्वारा किए गए स्मरणोत्सव और सम्मान का एक महत्वपूर्ण अवसर है. मैं उन सभी दिग्गजों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि एयर वेटरन्स निदेशालय ने पूर्व सैनिकों को उनके वित्तीय मामलों में सहायता करने और प्लेसमेंट सेल के माध्यम से सिविल सेक्टर में प्लेसमेंट खोजने में विश्वसनीय काम किया है.


भारतीय सेना दिवस के इतिहास में पहली बार हुआ ये बदलाव

बताते चलें कि हर साल 15 जनवरी को भारत के पहले सेना प्रमुख फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करियप्पा के सम्मान में सेना दिवस मनाया जाता है. इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि भारतीय सेना दिवस की परेड राष्ट्रीय राजधानी के बाहर बेंगलुरु में आयोजित की जा रही है. परेड 15 जनवरी, 1949 को अपने पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के एम करियप्पा द्वारा अपने ब्रिटिश पूर्ववर्ती की जगह भारतीय सेना के औपचारिक अधिग्रहण का प्रतीक है. सेना दिवस यानि की सेना के शौर्य, वीरता और उनकी सहादत को सलाम करने का दिन है.

कौन थे केएम करियप्पा

केएम करियप्पा का जन्म कर्नाटक के कुर्ग में 1899 में हुआ था. फील्ड मार्शल करियप्पा ने ब्रिटिश भारतीय सेना से फौज की नौकरी की शुरुआत की थी. केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सैन्य कमांडर बने. उन्होंने 1947 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया था. भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान दोनों देशों की सेनाओं को बांटने और बंटवारे की जिम्मेदारी भी करियप्पा को सौंपी गई थी. केएम करियप्पा वर्ष 1953 में रिटायर हो गए थे और उन्हें साल 1986 में फील्ड मार्शल के पद से सम्मानित किया गया.

Samir Kumar
Samir Kumar
More than 15 years of professional experience in the field of media industry after M.A. in Journalism From MCRPV Noida in 2005

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