नयी दिल्ली : पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा का आज निधन हो गया, वे 68 वर्ष के थे. दिल्ली के एक अस्पताल में संगमा का निधन हुआ. वे वर्ष 1996 से 1998 तक लोकसभा के अध्यक्ष रहे थे. संगमा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाने के कारण उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था.
राजनीतिक जीवन
1973 में पीए संगमा मेघालय यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष बने और अगले वर्ष वे महासचिव बने. पहली बार 1977 में तुरा लोकसभा क्षेत्र से चुनकर आये थे. वे आठ बार लोकसभा के सदस्य रहे. 1980 से 1988 तक वे केंद्रीय कैबिनेट में विभिन्न पदों पर आसीन रहे. और 1988 से 1990 तक मेघालय के मुख्यमंत्री भी रहे. सोनिया गांधी के खिलाफ विरोध का झंडा उठाने के कारण उन्हें पार्टी से 20 मई 1999 को निकाल दिया गया था. संगमा के साथ-साथ शरद पवार और तारिक अनवर को भी पार्टी से निकाला गया था. संगमा ने शरद पवार और तारिक अनवर के साथ मिलकर एनसीपी बनायी. लेकिन कुछ समय बाद वे ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस पार्टी से जुड़ गये. हालांकि वे यहां भी ज्यादा दिन नहीं रहे और पांच जनवरी 2013 को उन्होंने नेशनल पीपुल्स पार्टी का गठन किया. इस पार्टी ने मेघालय के विधानसभा चुनाव में दो सीट जीती थी.
सोनिया गांधी का किया विरोध
पीए संगमा उस समय विवादों में आ गये थे, जब उन्होंने सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे को उठाया और उनके प्रधानमंत्री बनने का विरोध किया था. यह विवाद इतना बढ़ा था कि बाद में उन्हें पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया था.
राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा
वर्ष 2012 में पीए संगमा ने प्रणब मुखर्जी के खिलाफ राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा. संगमा को एनडीए का समर्थन प्राप्त था, लेकिन वे प्रणब मुर्खजी को शिकस्त देने में असमर्थ रहे.
शुरुआती जीवन
पीए संगमा का जन्म मेघालय के वेस्ट गारो में एक सितंबर 1947 को हुआ था. उन्होंने संत एंटोनी कॉलेज शिलांग से बीए अॅानर्स की शिक्षा प्राप्त की थी.
लोकसभा स्थगित
संगमा के निधन की सूचना के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक से लिए स्थगित कर दी गयी. इससे पहले उनकी आत्मा की शांति के लिए सदन में दो मिनट का मौन रखा गया.