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जेएनयू कैंपस में दिखा आरोपी छात्र उमर खालिद कहा, गलत लोगों से ले लिया है पंगा

नयी दिल्ली : जेएनयू के जिन 16 छात्रों पर देशद्रोह के आरोप हैं, उनमें से पांच रविवार रात यूनिवर्सिटी कैंपस में पहुंचे और सभाएं की. जिन पांच छात्रों को यूनिवर्सिटी कैंपस में देखा गया है, उनमें मुख्य आरोपी उमर खालिद सहित रामा नागा, अनिर्बान भट्टाचार्या, अनंत और आशुतोष शामिल हैं. बताया जाता है कि उमर […]

नयी दिल्ली : जेएनयू के जिन 16 छात्रों पर देशद्रोह के आरोप हैं, उनमें से पांच रविवार रात यूनिवर्सिटी कैंपस में पहुंचे और सभाएं की. जिन पांच छात्रों को यूनिवर्सिटी कैंपस में देखा गया है, उनमें मुख्य आरोपी उमर खालिद सहित रामा नागा, अनिर्बान भट्टाचार्या, अनंत और आशुतोष शामिल हैं. बताया जाता है कि उमर खालिद ने कैंपस में एडमिन ब्लॉक के पास तीन सभाएं की और नारे लगाये.खबर है कि इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के वीसी से बात की है और आरोपियों को सरेंडर करने को कहा है.

सभा में उमर खालिद ने कहा कि मेरा नाम उमर खालिद है और मैं आतंकी नहीं हूं. उमर ने कहा कि 10 दिनों में पहली बार ऐसा लगा कि मैं मुस्लिम हूं. आशुतोष ने सामाचार चैनल्स को बताया कि वह अनंत, रामा नागा और अनिर्बान कैम्पस में ही छिपे थे. उन्हें डर था कि बाहर आने पर लोग उन पर हमला कर सकते हैं. छात्रों को को संबोधित करते हुए उमर खालिद का 14 मिनट का एक वीडियो यू-ट्यूब पर मौजूद है.

उमर खालिद की सभा के दौरान 1500 से अधिक छात्र मौजूद थे. इन लोगों का कहना था कि पुलिस आये और सभी लोगों को गिरफ्तार कर ले जाये. सूचना मिलने के बाद देर रात पुलिस जेएनयू कैंपस के पास पहुंची हालांकि पुलिस ने कैंपस के अंदर प्रवेश नहीं किया. यूनिवर्सिटी प्रशासन से बातचीत करने के कुछ देर बाद पुलिस लौट गयी. इस बीच, बताया जाता है कि उमर खालिद अपने चार साथियों के पास पुलिस के सामने सरेंडर कर सकता है. उमर खालिद का वकील भी देर रात कैंपस पहुंच गये हैं.

जेएनयू विवाद : खालिद के मित्रों से पूछताछ
दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद के दो मित्रों से रविवार को पूछताछ की. खालिद जेएनयू में आयोजित विवादास्पद कार्यक्रम को लेकर दर्ज राजद्रोह के मामले के सिलसिले में वांछित है. पुलिस सूत्रों के अनुसार केंद्रीय विश्वविद्यालय के एक छात्र और खालिद के मित्र से यहां दक्षिण दिल्ली के एक थाने में तकरीबन छह घंटे तक पूछताछ की गई. पुलिस सूत्रों के अनुसार उसपर संदेह है कि उसने कार्यक्रम के आयोजन में साजो-सामान से खालिद की मदद की है. सूत्रों ने बताया कि ज्यादा संभावना है कि वह छात्र जेएनयू और कार्यक्रम में भी मौजूद था. पुलिस उसे फिर से पूछताछ के लिए बुला सकती है. खालिद के एक अन्य मित्र और पत्रकार सादिक नकवी से इस मामले के सिलसिले में कल दूसरी बार पूछताछ की गई. दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर में उनसे संपर्क किया था और खालिद के पता-ठिकाने के बारे में उनसे पूछताछ की थी. नकवी दिल्ली विश्वविद्यालय में खालिद का सहपाठी था. वहां दोनों ने स्नातक की पढाई एकसाथ की थी. खालिद उन 10 युवकों में से एक है जिसकी पुलिस को जेएनयू में एक कार्यक्रम के सिलसिले में तलाश है जिसमें कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए थे.

देशद्रोह के कानून से सीधा मुकाबला करें : वकील

देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चर्चा के बीच उच्चतम न्यायालय के एक वकील ने जेएनयू में राष्ट्रवाद पर खुली कक्षा के दौरान रविवार को देशद्रोह से संबंधित कानून का सीधा मुकाबला करने की वकालत की और कहा कि भारत जैसे आधुनिक लोकतंत्र को सरकार की आलोचना करने की गुंजाइश सुनिश्चित करनी चाहिए. अधिवक्ता सरीम नावेद ने कहा कि केंद्र सरकार की आलोचना करना आपराधिक गतिविधि नहीं है बल्कि यह संवैधानिक मूल्यों को मजबूत बनाता है. उन्होंने छात्रों से कहा, ‘‘भारत में उचित समय आ गया है–मैं आश्वस्त हूं कि आप निशाने पर रखा गया महसूस कर रहे होंगे. मैं आश्वस्त हूं कि आप महसूस करते होंगे कि समाचार चैनल आपका रक्त मांग रहे होंगे. जेएनयू को अभी काफी लोकप्रिय समर्थन मिल रहा है. देशद्रोह के कानून से सीधा मुकाबला करें.’ उन्होंने छात्रों से कहा, ‘‘जेएनयू से यह संदेश जाना चाहिए कि आपके नारे, आपका एक्टिविज्म, सरकार की आलोचना दरअसल संवैधानिक मूल्यों को मजबूत बना रही है. कानून में ऐसा कुछ भी नहीं है जो केंद्र के खिलाफ किसी भाषण को आपराधिक या दंडनीय बनाता है. आपके कृत्यों ने भारत के लोगों को हानि नहीं पहुंचाई है.’

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