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ISI जासूस रंजीत की बढ़ी हिरासत अवधि

नयी दिल्ली : पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से कथित तौर पर गुप्त सूचना साझा करने वाले भारतीय वायुसेना के पूर्व अधिकारी को दिल्ली की एक अदालत ने दो और दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. ताकि पठानकोट आतंकवादी हमले के सिलसिले में एजेंसी उससे पूछताछ कर सके. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धीरज मित्तल ने […]

नयी दिल्ली : पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से कथित तौर पर गुप्त सूचना साझा करने वाले भारतीय वायुसेना के पूर्व अधिकारी को दिल्ली की एक अदालत ने दो और दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. ताकि पठानकोट आतंकवादी हमले के सिलसिले में एजेंसी उससे पूछताछ कर सके.

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धीरज मित्तल ने दिल्ली पुलिस के इस बयान पर रंजीत केके से चार जनवरी तक हिरासत में पूछताछ की अनुमति दे दी.क्योंकि उससे आज तक के रिमांड में की गयी पूछताछ में पठानकोट आतंकवादी हमले के बारे में कई खुलासे हुए हैं. वायुसेना के निलंबित अधिकारी ने पाकिस्तान के आइएसआइ समर्थित संदिग्ध खुफिया संचालकों से कथित तौर पर गुप्त सूचना साझा की. उसे जासूसी गिराहे में एक महिला ने फंसाया, जिसके बाद उसने सूचनाएं साझा कीं.

भटिंडा में पदस्थापित भारतीय वायुसेना के कर्मी रंजीत केके को हाल में बर्खास्त कर दिया गया था और बाद में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा, सैन्य खुफिया और वायुसेना लाइजनिंग यूनिट के संयुक्त अभियान में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उस पर सरकारी गोपनीयता कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा, आरोपी को पुलिस हिरासत में पेश किया गया. जांच अधिकारी ने आवेदन देकर आरोपी की दो दिन के लिए पुलिस हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग की.मजिस्ट्रेट ने कहा, मैंने आवेदन में जिक्र कारणों को देखा और इस बारे में हलफनामे को पढ़ा. आरोपों और कारणों को देखते हुए आवेदन को मंजूर किया जाता है. आरोपी की पुलिस हिरासत अवधि चार जनवरी तक बढ़ाई जाती है.

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट ने जांच अधिकारी से पूछा कि पिछले चार दिनों के रिमांड के दौरान आरोपी ने कोई खुलासा किया है या उससे कोई बरामदगी हुई है. अपराध शाखा के आईओ एसएस संधू ने कहा कि आरोपी ने पठानकोट आतंकवादी हमले और आतंकवादी जासूसी के बारे में कुछ खुलासे किये, जिन्हें सत्यापित किया जाना है और इसके लिए आगे की पूछताछ जरुरी है.

आईओ ने कहा कि कुछ अन्य खुलासे भी हुए हैं और पुलिस जासूरी गिरोह के सिलसिले में तथ्यों का पता लगाने का प्रयास कर रही है. पुलिस ने पहले कहा था कि इस मामले में रंजीत का संपर्क दामिनी मैकनॉट नाम की छद्म नाम वाली महिला से हुआ जिसने खुद को ब्रिटेन की किसी मीडिया कंपनी का अधिकारी बताया और दावा किया कि अपनी पत्रिका में एक लेख के लिए वायुसेना से संबंधित सूचना की जरुरत है, जिसके बदले उसे पैसे दिए जाएंगे.

पुलिस ने कहा कि रंजीत ने कथित तौर पर वायुसेना से संबंधित सूचनाएं साझा की. जिसमें अधिकतर हाल में हुए एक अभ्यास, विमानों की आवाजाही और विभिन्न इकाइयों में तैनाती से संबंधित थीं और इसके लिए उसके खाते में धन भेजा गया.

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