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गोमांस प्रतिबंध को लेकर विधानसभा अध्यक्ष की टिप्पणी पर विवाद

श्रीनगर: गोमांस प्रतिबंध कानून को खत्म करने के कदम पर जम्मू-कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष कविन्द्र गुप्ता की एक टिप्पणी के बाद विवाद पैदा हो गया है और विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुला ने उन्हें ‘‘पक्षपाती” बताया है. खबरों के मुताबिक गुप्ता ने कहा था कि तीन अक्तूबर से शुरु हो रहे विधानसभा […]

श्रीनगर: गोमांस प्रतिबंध कानून को खत्म करने के कदम पर जम्मू-कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष कविन्द्र गुप्ता की एक टिप्पणी के बाद विवाद पैदा हो गया है और विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुला ने उन्हें ‘‘पक्षपाती” बताया है. खबरों के मुताबिक गुप्ता ने कहा था कि तीन अक्तूबर से शुरु हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान वह गोमांस पर लगे प्रतिबंध को समाप्त करने संबंधी विधेयक को सदन में रखने की अनुमति नहीं देंगे.
मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, गुप्ता ने कहा था कि विपक्ष गोमांस पर लगे प्रतिबंध को समाप्त करने संबंधी विधेयक सदन में रखने वाला है और उसका लक्ष्य सिर्फ परेशानी उत्पन्न करना है.खबरों के मुताबिक, गुप्ता ने कहा, ‘‘विपक्ष यह स्वीकार नहीं कर पा रहा कि वह अब सत्ता में नहीं है.” एक निजी टीवी चैनल द्वारा ट्विटर पर पोस्ट की गयी गुप्ता की टिप्पणियों पर तुरंत नेकां नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला ने प्रतिक्रिया दी.
अब्दुला ने ट्वीट किया, ‘‘उनपर शर्म आती है. माना जाता है कि वे सदन का संरक्षक समझे जाते हैं और घटिया राजनीति से उपर होना चाहिए.” उन्होंने आरोप लगाया कि अध्यक्ष ‘‘स्पष्टतया विपक्ष के साथ भेदभाव” कर रहे हैं, अब्दुला ने गुप्ता को अपने पद की गरिमा बनाए रखने की सलाह दी.
उमर ने कहा, ‘‘हमने पहले ही दिन से विपक्ष की भूमिका खुशी-खुशी स्वीकार कर ली, लेकिन अध्यक्ष संभवत: अपने उच्च पद के स्तर पर बढ नहीं पा रहे हैं.” नेशनल कांफ्रेंस ने कहा है कि वह आगामी सत्र में रणबीर दंड संहिता की तहत 1932 के उस कानून को समाप्त करने के लिए एक गैर सरकारी विधेयक पेश करेगी जिसमें राज्य में गोवध प्रतिबंधित है.

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