नयी दिल्ली :"टू स्टॉप ट्रेन पुल चेन" ट्रेन में हमने अक्सर यह लिखा देखा है, लेकिन अब यह इतिहास बनने जा रहा है. नयी बन रही बोगियों में यह लिखा नहीं होगा और ना ही चेन होगी. रेल मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है कि अब बोगियों में यह चेन नहीं लगायी जायेगी.एक अध्ययन के अनुसार,बोगियों में चेन पुलिंग के कारण रेलवे को तकरीबन तीन हजार करोड़ का सालाना नुकसान होता था और ट्रेन लेट भी होती थी, जिसके मद्देनजर सरकार ने यह फैसला लिया है.
एक अंग्रेजी अखबार में छपि खबर के अनुसार रेल मंत्रालय के फैसले के बाद बरेली के इज्जतनगर में इस पर काम होना भी शुरू हो गया है. अफसरों ने बताया कि चेन पुलिंग के कारण काफी नुकसान होता था हमने इसकी जगह पर दूसरी व्यवस्था करने पर ध्यान दिया है. अब हमारी कोशिश है कि ड्राइवर का फोन नंबर हर बोगी में लिखा जायेगा अगर कोई आपात स्थिति होती है तो आप ड्राइवर को फोन करके स्थिति की जानकारी दे सकते हैं. इसके अलावा हर तीन कोच में वॉकी टॉकी के साथ कर्मचारियों को तैनात किया जायेगा ताकि वह पूरी परिस्थिति पर ध्यान रख सकें.
अब नयी बन रही कोच में भी चेन नहीं होगी. रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी करके यह जानकारी सभी जगह भेज दी है ताकि इसका ध्यान रखा जा सके. रेलवे की देखभाल करने वाले और वर्कशॉप में काम करने वाले लोगों ने इस पर काम शुरू कर दिया है.
चेन पुल की घटना आपातस्थिति से ज्यादा खुद के लाभ के लिए इस्तेमाल की जाती थी. लोगों को जहां उतरना होता था वही चेन पुल कर देते थे जिससे ट्रेन सही समय पर अपने गंतव्य स्थान पर नहीं पहुंच पाती थी. रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने भी चेन पुलिंग की घटनाओं पर चिंता जतायी थी और माना था कि बिहार और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा चेन पुलिंग की घटनाएं होती हैं. इन सभी नुकसानों को देखते हुए अब कोच में चेन ना लगाने का फैसला लिया गया है.