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आलम की रिहाई : गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर सरकार से रिपोर्ट मांगी

नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर सरकार से उन परिस्थितियों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है जिसके तहत कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसरत आलम को रिहा किया गया. आलम के खिलाफ 15 से अधिक मामले लंबित हैं. रविवार होने के बाद भी गृह मंत्रालय में कश्मीर डिविजन के अधिकारियों ने काम किया ताकि इस […]

नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर सरकार से उन परिस्थितियों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है जिसके तहत कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसरत आलम को रिहा किया गया. आलम के खिलाफ 15 से अधिक मामले लंबित हैं. रविवार होने के बाद भी गृह मंत्रालय में कश्मीर डिविजन के अधिकारियों ने काम किया ताकि इस मुद्दे पर राज्य सरकार से सभी तथ्य एकत्र किए जा सकें. इस मुद्दे को लेकर पीडीपी.भाजपा गठबंधन में विवाद पैदा हो गया है.

मंत्रालय ने उन वजहों के बारे में जानकारी मांगी है जिनके तहत 2010 के आंदोलन का नेतृत्वकर्ता 44 वर्षीय आलम को कल रात बारामूला जेल से रिहा किया गया. सूत्रों ने बताया कि आलम के खिलाफ करीब 15 मामले लंबित हैं. इनमें रणवीर दंड संहिता की धारा 120 और 121 (देश के खिलाफ युद्ध छेडना) और गैरकानूनी गतिविधियां निवारण कानून के तहत दर्ज मामले शामिल हैं.
संसद में विपक्षी पार्टियां पहले से ही प्रदेश के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के पिछले रविवार के बयान का विरोध कर रही हैं. उल्लेखनीय है कि मुफ्ती ने अपने बयान में राज्य में चुनाव सुचारु रुप से संपन्न होने का श्रेय पाकिस्तान, हुर्रियत कांफ्रेंस और आतंकवादी संगठनों को दिया था. सरकार को उम्मीद है कि जब होली के अवकाश के बाद संसद की बैठक कल फिर शुरु होगी तो नए घटनाक्रम को लेकर व्यवधान पैदा हो सकता है. उम्मीद की जा रही है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह राजनीतिक तूफान खडा कर देने वाले इस मुद्दे पर सरकार का रुख स्पष्ट कर सकते हैं.
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह सचिव एल सी गोयल ने जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक के राजेंद्र से भी बातचीत की है ताकि आलम की रिहाई के पीछे कारणों का पता लग सके. पुलिस ने 2010 के आंदोलन के लिए आलम के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत भी मामला दर्ज किया है. उस आंदोलन के दौरान करीब 120 लोगों की मौत हो गयी थी.
जम्मू में, पुलिस प्रमुख ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के साथ बैठक की.अक्तूबर 2010 में जब आलम को श्रीनगर शहर के बाहरी हिस्से में हरवान इलाके से गिरफ्तार किया गया था तो छह पुलिसकर्मियों को प्रोन्नति दी गयी थी और पुलिसकर्मियों तथा मुखबिरों को 10 लाख रुपए का नकद इनाम भी दिया गया था. आलम के संबंध में जानकारी देने पर 10 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की गयी थी.

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