नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष ‘2022 तक सभी को मकान’ देने की अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की आज समीक्षा करने के साथ हिदायत दी कि इसके क्रियान्वयन के समय यह पूरी तरह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे आवासों की गुणवत्ता के साथ किसी तरह का समझौता नहीं हो. इस योजना के तहत 2022 तक देश भर में दो करोड मकान बनाने का प्रस्ताव है. ये मकान झुग्गी-झोपडी बस्तियों में और कमजोर वर्गो के लिए कम दाम पर उपलब्ध कराए जाएंगे.
इसके अंतर्गत दिल्ली में छह लाख, मुंबई में 16 लाख और चेन्नई तथा कोलकाता में चार-चार लाख मकान बनाए जाने का प्रस्ताव है. ये मकान स्लम में रहने वाले शहरी गरीबों, शहरी बेघर-बार और रोजगार तथा सिर पर छत की तलाश में शहरों में आये नये लोगों के लिए होंगे. इसमें महानगरों, छोटे शहरों तथा सभी शहरी क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा. प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार मोदी ने समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस बात पर खास जोर दिया, ‘यह सुनिश्चित किया जाए कि इस महत्वकांक्षी कार्यक्रम को लागू करते समय गुणवत्ता के साथ किसी किस्म का समझौता नहीं हो.’
प्रधानमंत्री ने यह निर्देश भी दिया कि ये मकान बनाते समय विशेष क्षेत्रों से जुडी विशेष सुरक्षा चिंताओं पर भी पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए. इन क्षेत्रों में तटीय क्षेत्र, पर्यावरण-संवेदी क्षेत्र और आपदा आशंका वाले क्षेत्र शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इन मकानों के निर्माण में मौजूदा सफल और नयी प्रोद्योगिकियों का गंभीरता से अध्ययन किया जाए जिससे जो सर्वोत्तम हो उसे अपनाया जा सके. इन आवासों के निर्माण के लिए उन्होंने पहली प्राथमिकता नगरों और गंगा तथा उसकी सहायक नदियों के किनारे बसे शहरों को देने को कहा.
इस बैठक में शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू, शहरी विकास राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. सरकार अपनी महत्वकांक्षी योजनाओं में से 2022 तक ‘सभी को मकान’ देने पर खास तवज्जो दे रही है. जून 2014 में संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहा गया था, ‘देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के समय तक हर परिवार के पास पानी कनेक्शन, शौचालय सुविधा, चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति और सडकों तक पंहुच वाले पक्के मकान होंगे.
नयी सरकार के 2014-15 में पेश किए गए बजट में भी ‘सबको मकान’ देने की प्रतिबद्धतता दोहराई गई. वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा था, ‘हमारी सरकार 2022 तक सभी को मकान उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.’ अपनी इस महत्वकांक्षी योजना को मूर्त रूप देने के प्रयास में प्रधानमंत्री लगातार विचार विमर्श कर रहे हैं. इस बारे में उन्होंने आज की बैठक से पहले पिछली बैठक 22 दिसंबर 2014 को की थी.