नयी दिल्ली : अजीत सिंह से सरकारी बंगला खाली करवाने के मुद्दे पर अपना रुख कडा करते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने आज कहा कि सरकार नियमों से बंधी है और उन्होंने सवाल किया कि राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के इन नेता और कांग्रेस जब सत्ता में थे तब उन्होंने या कांग्रेस ने क्यों उसे स्मारक में नहीं बदला. शहरी विकास मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि अजीत सिंह से सरकारी आनवास खाली करवाने में राजनीतिक बदले की भावना जैसा कुछ नहीं है.
गाजियाबाद में कल जब अजीत सिंह के समर्थकों को दिल्ली की जलापूर्ति काटने से रोका गया तब वे पुलिस से उलझ पडे. इस विषय पर नायडू ने स्पष्ट किया कि ऐसी धमकी बिल्कुल अस्वीकार्य है तथा उसे लोगों में कोई समर्थन नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘अभद्र बर्ताव का बिल्कुल सवाल ही नहीं. मैं और मेरी सरकार राजनीतिक बदले की भावना में यकीन नहीं करते. बंगला खाली करवाने में कोई राजनीति नहीं है और मैं व्यक्तिगत रुप से किसी के विरुद्ध नहीं हूं.
उन्होंने रालोद नेता अजीत सिंह के मुद्दे पर उपजे विवाद पर कहा, ‘मैं नियमों, विनियमों और प्रक्रियाओं से चलता हूं जो सुस्थापित हैं और हमारे सत्ता संभालने से पहले के बने हैं.’ सिंह ने इस बंगले को स्मारक में तब्दील करने की मांग की है जिसे सरकार ने खारिज कर दिया है.नायडू ने यहां कहा, ‘जहां तक मेरी बात है तो इसमें कहीं भी राजनीतिक बदले की भावना नहीं है. चरण सिंह एक सम्माननीय नेता थे. मैं उनकी खूब तारीफ करता हूं क्योंकि वह किसानों के नेता थे.’
उन्होंने सवाल किया कि जब अजीत सिंह केंद्रीय मंत्री थे तब उन्होंने बंगले को स्मारक में तब्दील करने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया. रालोद पर प्रहार करते हुए नायडू ने कहा, ‘यदि (इन) लोगों को चरण सिंह के नाम पर स्मारक के लिए इतनी ही फिक्र है तो उनके निधन के बाद पिछले 37 साल में उन्हें किसने रोका था? सरकार पर आरोप लगाना अनुचित है और मैं आशा करता हूं कि लोग हकीकत समझते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने 14 साल पहले तय किया था कि कोई भी सरकारी बंगला स्मारक में नहीं बदला जाएगा. हम तो महज तीन महीने से सरकार में हैं. अजीत सिंह पिछली सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री थे.’ अजीत सिंह की मांग के समर्थन में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह के उतर आने पर शहरी विकास मंत्री ने पलटवार किया, ‘ये कांग्रेसी जो मुझे स्मारक की सलाह दे रहे हैं, वे तो सरकार में 50 साल तक रहे. पिछले दस साल से तो वे सरकार में ही थे तब उन्होंने उस पर कुछ नहीं किया.’