नयी दिल्ली: राजधानी दिल्ली स्थित बुराड़ी का हॉन्टेड हाउस एक बार फिर से चर्चा में है. बुराड़ी स्थित जिस घर में 11 महीने पहले एक ही परिवार के 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी वहां एक परिवार रहने आया है. कल गृहप्रवेश के बाद इस परिवार ने यहां रहना शुरू कर दिया है. जो परिवार अब यहां रहेगा, उसके मुखिया डॉ. मोहन सिंह पैथोलेब चलाते हैं. कुछ दिन पहले भी यहां कुछ लोग रहने आए थे लेकिन दो दिन बाद ही घर छोड़कर चले गए. उनका कहना था कि घर में अजीब-अजीब चीजें घटती रहती है.
जानिए मकान के बारे में क्या कहते हैं डॉ. मोहन
जिस गली में ये कथित हॉन्टेड मकान है उसी गली में डॉ. मोहन लंबे वक्त से पैथोलेब चलाते हैं. उनका कहना है कि, रोजाना किसी और जगह से आना-जाना मुश्किल होता था इसलिए उन्होंने इस मकान में रहने का फैसला किया. डॉ. मोहन का कहना है कि वो अंधविश्वास को नहीं मानते. उनका कहना है कि यदि मैं ऐसी बातों में यकीन करता तो कभी यहां रहने नहीं आता. मुझे बीती घटनाओं से कोई परेशानी नहीं है. हालांकि घर में रहना शुरू करने से पहले परिवार ने यहां होम-हवन करवाया.
Burari's 'horror house' is now a diagnostics centre
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— ANI Digital (@ani_digital) December 29, 2019
पूजा करवाने वाले पंडित का कहना है कि इस अनुष्ठान का अंधविश्वास से कोई लेना-देना नहीं है. ये सामान्य हिंदू रीति-रिवाज का हिस्सा था जो किसी भी गृहप्रवेश से पहले किया जाता है.
स्थानीय लोगों और पड़ोसियों ने भी जताई खुशी
इस बाबत वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि हमें खुशी है कि इस मकान में कोई रहने आया है. जो कुछ भी यहां हुुआ वो बीते समय की बात है. उनका कहना है कि अब यहां सबकुछ ठीक है. किसी भी तरीके से यहां भूत आया आत्मा जैसी कोई बात नहीं है. वहीं घर के भूतहा होने या यहां मृत्माओं के भटकने जैसी बातों का खंडन करते हुए एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि जिन लोगों की उस हादसे में मौत हुई थी वे काफी अच्छे लोग थे. हमें यकीन है कि उनकी आत्मा सीधे स्वर्ग गयी होगी.
बीते साल में मकान में हुई थी सामूहिक खुदकुशी
बुराड़ी स्थित ये घर उस समय चर्चा में आया था जब बीते साल 1 जुलाई को यहां एक ही परिवार के 11 सदस्यों ने सामूहिक रूप से फांसी पर लटककर आत्महत्या कर ली थी. इसमें से एक बुजुर्ग महिला का शव बेड पर पड़ा मिला था जबकि बाकी दस लोग एक ही जगह पर फांसी से झूलते पाए गए थे. इस परिवार में एक बुजुर्ग महिला, उसके बेटे और उनकी पत्नियां, पोते-पोतियां, बेटी और नवासी रहते थे. तब जांच में ये बात सामने आई थी कि पूरा परिवार पूजा-पाठ और अनुष्ठान में बहुत यकीन रखता था. यही नहीं, बुजुर्ग महिला का छोटा बेटा बहुत अंधविश्वासी थी. ऐसा खुलासा घर में मिली कई सारी डायरियों से हुआ था. उस डायरी में बहुत अजीब-अजीब बातें लिखी थीं.