कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने संसद के भीतर और बाहर सरकार को घेरा
नयी दिल्ली/मुंबई : महाराष्ट्र मुद्दे को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सोमवार को संसद के भीतर और बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. जहां कांग्रेस सांसदों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने सोनिया गांधी की अगुवाई में प्रदर्शन किया, वहीं संसद के दोनों सदनों में भी जमकर हंगामा किया.
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के सांसदों ने नारेबाजी करते हुए बेल में आ गये. पार्टी की महिला सांसदों (हिबी इडेन और टीएन प्रतापन) ने ‘स्टॉप मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी’ लिखा हुआ पोस्टर भी लहराने लगीं. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने इडेन और प्रतापन को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी.
सांसदों के नहीं मानने पर स्पीकर ने मार्शलों को दोनों सांसदों को सदन से बाहर करने का आदेश दिया. इसके बाद मार्शल इन दोनों सदस्यों को सदन से बाहर ले जाने के लिए पहुंचे, तो उनके साथ इडेन, प्रतापन और अन्य कांग्रेस सदस्यों की धक्कामुक्की हो गयी. हालांकि, इस बीच स्पीकर ने प्रश्नकाल शुरू कराया और प्रश्न पूछने के लिए राहुल गांधी का नाम पुकारा. इस सत्र में पहली बार सदन में पहुंचे राहुल ने सवाल पूछने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसे में मेरे सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है.
इससे पहले संसद भवन परिसर में विपक्षी सांसदों ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. हाथों में बैनर लिये कांग्रेस नेताओं ने ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो‘ ‘प्रधानमंत्री होश में आओ’ और ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगाये. उधर, इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक भी पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी.
अजित से मिले छगन भुजबल मनाने की कोशिश नाकाम
अजित पवार को मनाने के लिए एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल उनके आवास पर पहुंचे, लेकिन उनकी कोशिश नाकाम हो गयी. भुजबल ने कहा कि हमने विचार-विमर्श किया है, कुछ रास्ता निकले इसके लिए कोशिश जारी है. जब भुजबल से पूछा गया कि क्या अजित को पार्टी से बाहर निकाला जायेगा, तो उन्होंने कहा कि इस बात को वह शरद तक पहुंचायेंगे.
कांग्रेस का आरोप – महिला सांसदों के साथ हुआ दुर्व्यवहार, स्पीकर करें कार्रवाई
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि लोकसभा में मार्शलों ने पार्टी की दो महिला सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की. उनके साथ दुर्व्यवहार किया. उन्होंने कहा कि वह इंतजार कर रहे हैं कि स्पीकर जिम्मेदार मार्शलों के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं.
वहीं, ज्योति मणि ने कहा कि यह दुखद है कि राम्या हरिदास और मेरे साथ सदन में धक्कामुक्की की गयी. हमने इस बारे में स्पीकर से शिकायत की है. हिबी इडेन ने कहा कि विरोध करना लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन मार्शलों के जरिये इसे रोकने की कोशिश हुई.
भाजपा बोली- मार्शलों के साथ जो हुआ, वह पीड़ादायक, स्पीकर बिरला ने भी की निंदा
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद में हुई मार्शलों और सांसदों के बीच धक्कामुक्की पर कहा कि मार्शल के साथ जो हुआ, बहुत पीड़ादायक है. संसदीय संस्कार की सारी सीमाएं लांघ दी गयीं. ये मामला बहुत गंभीर है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना को बहुमत मिला. 30 साल के संबंध को तोड़कर शिवसेना कांग्रेस के साथ चली गयी. आप बताएं कि हम कैसे लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं? इस बीच, स्पीकर ने कहा कि संसद में जो हुआ, उससे मैं आहत हूं. यह अस्वीकार्य है. सूत्रों ने बताया कि दोनों सांसदों पर कार्रवाई भी हो सकती है.
विकास अघाड़ी ने राज्यपाल को सौंपा पत्र
शिवसेना और एनसीपी-कांग्रेस (विकास अघाड़ी) के नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास एक पत्र भेजा, जिसमें दावा किया गया है कि राज्य में सरकार गठन के लिए उनके पास 162 विधायक हैं. पत्र पर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायक दल के नेताओं एकनाथ शिंदे, जयंत पाटील और बालासाहेब थोराट के हस्ताक्षर हैं.
भाजपा ने पत्र को बताया फर्जी
भाजपा नेता आशीष शेलार ने शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन द्वारा राज्यपाल को सौंपे गये पत्र को फर्जी बताया है. उन्होंने कहा कि यह एक फर्जी पत्र है, क्योंकि तकनीकी रूप से अजित पवार अभी भी एनसीपी के विधायक दल के नेता हैं और उन्होंने भाजपा को समर्थन दिया है.
एसीबी ने सिंचाई घोटाले के मामले बंद किये कहा- ये मामले अजित पवार से जुड़े नहीं
महाराष्ट्र के एसीबी ने सोमवार को बताया कि उसने राज्य की नौ सिंचाई परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं की जांच बंद कर दी है. एजेंसी ने कहा कि ये मामले डिप्टी सीएम अजित पवार से जुड़े हुए नहीं हैं. एसीबी की सफाई कांग्रेस के आरोप के बाद आयी है. कांग्रेस ने कहा था कि सरकार बनाने में भाजपा की मदद करने की वजह से अजित को ‘दोषमुक्त’ कर दिया गया है. एसीबी ने बताया कि सिंचाई घोटाले से जुड़े मामले को सशर्त बंद किया गया है. राज्य सरकार या अदालत दोबारा मामलों को खोल सकती है.
लोकसभा में मार्शल और कांग्रेस सांसदों में धक्का-मुक्की, बाहर भी विरोध-प्रदर्शन
संसद की संयुक्त बैठक का विपक्ष आज करेगा बहिष्कार
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों द्वारा मंगलवार को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में संसद की संयुक्त बैठक का बहिष्कार किये जाने की संभावना है.
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस, वाम दल, एनसीपी, टीएमसी, राजद, तेदेपा और द्रमुक द्वारा महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम तथा देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के खिलाफ संसद परिसर के भीतर आंबेडकर प्रतिमा के पास संयुक्त प्रदर्शन करने की योजना है. उन्होंने बताया कि विपक्षी दल सुबह में संयुक्त बैठक भी करेंगे और संविधान दिवस समारोह के बहिष्कार पर अंतिम फैसला करेंगे. सोमवार को शिवसेना नेता अनिल देसाई, अरविंद सावंत समेत कुछ नेताओं ने सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की और कांग्रेस द्वारा आहूत विरोध को अपना समर्थन दिया.
एम फडणवीस की मीटिंग में नहीं पहुंचे डिप्टी सीएम अजित पवार, अटकलें हुईं तेज
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस से मिल रही चुनौती के बीच सीएम फडणवीस ने सोमवार को अपना कामकाज संभाल लिया है. बतौर सीएम अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन उन्होंने वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधियों के साथ सूखा, बाढ़ और आपदा प्रबंधन को लेकर बैठक की. इसमें डिप्टी सीएम अजित पवार नहीं पहुंचे. सीएम के बगल वाली कुर्सी खाली रह गयी. कयास लग रहे हैं कि अजित पवार एक बार फिर से अपना रुख बदल सकते हैं.
एनसीपी के तीन ‘लापता’ विधायक मुंबई लौटे
एनसीपी के ‘लापता’ तीन विधायक सोमवार को मुंबई वापस लौट आये. एनसीपी के एक नेता ने बताया कि पार्टी विधायक दौलत दरोडा (शाहपुरा), नितिन पवार (कालवन) और नरहरि झिरवाल (डिंडोरी) वापस लौट आये हैं. नितिन ने कहा कि वह शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी का समर्थन करते हैं. उन्हें दिल्ली ले जाया गया था.
शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी के पास 162 का आंकड़ा
मुंबई के होटल हयात में शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस ने अपने 162 विधायकों का परेड कराया. इसमें एनसीपी के नेता और बागी अिजत पवार ने हिस्सा नहीं लिया. एनसीपी के 54 में से 53 विधायक इसमें शामिल हुए.
नकवी का ट्वीट- न जाने कौन, कहां कब किधर का हो जाए
शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस के विधायकों की परेड पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शायराना तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट किया कि न जाने कौन, कहां, कब किधर का हो जाए. उधर का दिखता रहे और इधर का हो जाए.