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दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प, दोनों पक्ष से कई घायल, वाहनों में लगाई आग

नयी दिल्लीः दिल्ली की तीस हजारी अदालत परिसर में शनिवार दोपहर बाद वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक झड़प हुई. कोर्ट परिसर घंटे भर से ज्यादा युद्ध क्षेत्र बना रहा. इस घटना में 20 पुलिसकर्मी, एक एडिशनल डीसीपी, 2 एसएचओ को चोटें आईं हैं. साथ ही 8 वकील चोटिल हुए हैं. 12 प्राइवेट बाइक, एक […]

नयी दिल्लीः दिल्ली की तीस हजारी अदालत परिसर में शनिवार दोपहर बाद वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक झड़प हुई. कोर्ट परिसर घंटे भर से ज्यादा युद्ध क्षेत्र बना रहा. इस घटना में 20 पुलिसकर्मी, एक एडिशनल डीसीपी, 2 एसएचओ को चोटें आईं हैं. साथ ही 8 वकील चोटिल हुए हैं. 12 प्राइवेट बाइक, एक क्यूआरटी पुलिस जिप्सी और 8 जेल वैन खाक हो गईं.

मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त ने क्राइम ब्रांच की एक एसआईटी गठित कर दी है. एसआईटी का प्रमुख विशेष आयुक्त स्तर के पुलिस अधिकारी को बनाया गया है. पुलिस ने बताया कि घायलों में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी जिला) हरिंदर कुमार, कोतवाली और सिविल लाइंस थाने के प्रभारी और पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) के ऑपरेटर भी हैं.

वकीलों ने आरोप लगाया कि उनके एक सहयोगी पुलिस की गोलीबारी में घायल हुआ. हालांकि, पुलिस ने इनकार किया कि उसने गोली चलायी. बार एसोसिएशनों ने घटना की निंदा की और चार नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी की सभी जिला अदालतों में एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया.

तीस हजारी बार एसोसिएशन के सचिव जयवीर सिंह चौहान ने पीटीआई-भाषा को बताया कि एक वकील की कार, पुलिस की जेल वैन को छू गयी जिसके बाद वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच बहस हो गयी. चौहान ने आरोप लगाया, इसके बाद उन्हें हवालात ले जाया गया और बुरी तरह पीटा गया. थाना प्रभारी आए लेकिन भीतर जाने नहीं दिया गया. मध्य और पश्चिमी जिले के जिला न्यायाधीश, छह अन्य न्यायाधीशों के साथ वहां गए लेकिन वकील को नहीं निकलवा पाए. आगे उन्होंने दावा किया कि न्यायाधीश जब जा रहे थे तो 20 मिनट बाद पुलिस ने चार चक्र गोलियां चलायी.
उन्होंने दावा किया कि अन्य वकीलों के साथ बाहर में प्रदर्शन कर रहे एक वकील रंजीत सिंह मलिक गोली से घायल हो गए. उन्होंने बताया कि घायल वकीलों को सेंट स्टीफन अस्पताल ले जाया गया. चौहान ने आरोप लगाया, पुलिस ने वकीलों के साथ बदसलूकी की. पूरी तरह से पुलिस की लापरवाही का मामला है.

उन्होंने दावा किया कि करीब डेढ़ घंटे बाद वकील को हवालात से छोड़ दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि झड़प के दौरान एक वाहन में आग लगा दी गयी और आठ अन्य वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. आठ बाइकों में भी आग लगा दी गयी. दमकल विभाग ने मौके पर 10 गाड़ियों को भेजा. झड़प के बाद घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों और दंगा रोधी वाहनों को तैनात किया गया.
पुलिस ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और झड़प के कारण अदालत परिसर के भीतर फंसे विचाराधीन कैदियों को बाद में पुलिस वाहनों से संबंधित जेलों में पहुंचाया गया. अदालत परिसर के द्वार के सामने बैठकर प्रदर्शन करते हुए वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घटना के दौरान गोली चलायी और इसमें संलिप्त कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष के सी मित्तल ने कहा, हम तीस हजारी अदालत में पुलिस द्वारा वकीलों पर बर्बर और बिना किसी उकसावे के हमले की कड़ी निंदा करते है. एक वकील की हालत नाजुक है. हवालात में एक वकील को पीटा गया. पुलिस ने घोर लापरवाही दिखायी. उन्हें बर्खास्त करना चाहिए और उनपर मुकदमा चलना चाहिए. हम दिल्ली के वकीलों के साथ खड़े हैं.
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख सुभाष चोपड़ा पार्टी सदस्यों के साथ अदालत परिसर पहुंचे और झड़प में संलिप्त कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. असम बार काउंसिल की सदस्य खुशबू वर्मा कुछ काम से वहां आयी थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों ने उनपर हमला किया. उन्होंने दावा किया, एक भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी.

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